बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- आइजेंक के व्यक्तित्व सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
अथवा
आइजेंक के व्यक्तित्व सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
अथवा
आइजेंक के व्यक्तित्व सिद्धान्त में व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व बताइये।
उत्तर-
हैंस आइजेंक (Hens Eysenck) एक ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने व्यक्तित्व के जैविक आधार पर अधिक जोर दिया। इनके अनुसार व्यक्तित्व दो प्रमुख आयामों द्वारा निर्धारित होता है।
1. बहिर्मुखता - अंतर्मुखता
2. विक्षिप्तता स्थिरता
1. बहिर्मुखता - अंत:मुर्खता - आइजेंक के अनुसार बर्हिमुखता - अंतर्मुखता व्यक्तित्व का एक मूलभूत आयाम है जो किसी व्यक्ति की सामाजिकता, मुखरता और वर्हिगमन के स्तर को दर्शाता है। बर्हिमुखी व्यक्तित्व के धनी लोग मिलनसार और हंसमुख होते है जबकि अन्तमुख व्यक्ति एकांकी व शांत स्वभाव के होते हैं।
2. मनोविक्षुब्धता - स्थिरता - आइजेंक के अनुसार मनोविक्षुब्धता और स्थिरता व्यक्तित्व का दूसरा आयाम है जो भावनात्मक स्थिरता और भावनात्मक प्रतिक्रिया के स्तर को दर्शाता है। जिन लोगों में विक्षिप्तता का स्तर ऊँचा होता है वे चिंता और भय जैसी नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं। जबकि जिन लोगों में विक्षिप्तता का स्तर कम होता है, वे भावात्मक रूप से अधिक स्थिर होते हैं। आइजेंक ने यह भी बताया कि इन दो आयामों का एक जैविक आधार भी है जो मस्तिष्क के कामकाज में अन्तर से सम्बन्धित है। आइजेंक के इस सिद्धान्त का व्यापक अध्ययन किया गया जो व्यक्तित्व मनोविज्ञान के क्षेत्र में प्रभावशाली रहा है।
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