बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त की स्पष्ट कीजिए।
अथवा
व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त (Trait Theory of personality) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
व्यक्तित्व का शील गुण सिद्धान्त व्यक्तित्व के निर्धारण में आनुवांशिकी की भूमिका पर जोर देता है। इससे यह पता चलता है कि व्यक्तियों में अन्तर्निहित और अपेक्षाकृत स्थिर विशेषताएँ या गुण होते हैं जो उनके व्यवहार, विचार और भावनाओं को आकार देते हैं। इन लक्षणों को विभिन्न स्थितियों और समय के साथ स्थायी और सुसंगत माना जाता है। इस सिद्धान्त को प्रो. गार्डन डब्ल्यू ऑलपोर्ट ने प्रतिपादित किया था।
शील गुण (Trait) सिद्धान्तकारों का मानना है कि लोगों के पास मूलभूत लक्षणों अथवा आयामों का एक समूह होता है जो उनके व्यक्तित्व के आधार का वर्णन करता है, जिन लक्षणों का सबसे अधिक अध्ययन किया जाता है वह बर्हिमुखता, विक्षिप्तता, अनुभव के लिये खुलापन, कर्त्तव्यनिष्ठा और सहमतता है। इन लक्षणों को व्यक्तित्व आंकलन विधियों से मापा जाता है। व्यक्तित्व विशेषता सिद्धान्त के समर्थकों का यह भी मानना है कि यह लक्षण जैविक रूप से प्रकृति में पाये जाते हैं जो बड़े पैमाने पर आनुवांशिकी द्वारा निर्धारित होते हैं। हालांकि पर्यावरणीय कारक जैसे परवरिश और जीवन के अनुभव व्यक्तित्व विशेषताओं के विकास और अभिव्यक्ति में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रकार से कहा जा सकता है कि व्यक्तित्व विशेषता सिद्धान्त मानव व्यवहार और व्यक्तित्व को समझने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
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