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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2751
आईएसबीएन :0

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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- मनोरंजन के क्या उद्देश्य हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

मनुष्य का सर्वांगीण विकास मनोरंजन क्रियाओं के बिना होना सम्भव नहीं है। सर्वांगीण विकास के लिए मनुष्य विभिन्न मनोरंजन क्रियाओं में भाग लेता है जिसके निम्न उद्देश्य हैं-

(1) व्यक्तित्व के निर्माण के लिए - मनोरंजन क्रियाएँ व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाती हैं। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार उन मनोरंजन क्रियाओं में भाग लेता है जो उसे रुचिकर, सरल व आनन्दित करने वाली लगती हैं। इससे उसके व्यक्तित्व का विकास होता है।

(2) खाली समय का सदुपयोग - संसार के सभी मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में संलग्न रहते हैं। व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक निश्चित समय पर कार्य करता है। आवश्यक कार्य को करने के बाद जो समय शेष बचता है। उसका सदुपयोग खेलों तथा शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से मनोरंजन गतिविधियों में उपयोग किया जाता है। इससे व्यक्ति को प्रसन्नता व सन्तुष्टि की प्राप्ति होती है।

(3) सन्तुष्टि की प्राप्ति - मनोरंजन का एक उद्देश्य सन्तुष्टि की प्राप्ति भी है। मनुष्य की हमेशा इच्छा रही है वह प्रसन्न व सन्तुष्ट रहे। मनोरंजन क्रियाओं के द्वारा मनुष्य में नई शक्ति, अच्छा स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच का विकास होता है जो व्यक्ति को शान्ति, प्रसन्नता, खुशी व सन्तुष्टि प्रदान करती है।

(4) मानसिक विकास - मनोरंजन क्रियाएँ मनुष्य के मानसिक विकास में विशेष रूप से सहायक होती हैं। मनुष्य के पास जब भी खाली समय होता है तो वह उसके सदुपयोग के विषय में योजना बनाता है जिससे उसे मानसिक सन्तुष्टि की प्राप्ति हो।

(5) शारीरिक विकास - मनोरंजन क्रियाओं के अन्तर्गत मनुष्य अपने खाली समय में विभिन्न शारीरिक क्रियाओं व खेलों में हिस्सा लेता है। शारीरिक क्रियाओं तथा खेलों से मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंगों का समुचित विकास होता है।

(6) सामाजिक विकास - मनोरंजन क्रियाएँ मनुष्य में सामाजिक चेतना को जागृत करने का काम करती हैं ताकि वह समाज में एक अच्छा स्थान पा सके और समाज का अंग बन सके। इन क्रियाओं के माध्यम से मनुष्य में आत्मअनुशासन, आत्मविश्वास, आत्मप्रदर्शन, सहयोग, सहनशीलता, नेतृत्व, मित्रता का व्यवहार, देशभक्ति की भावना, आज्ञा पालन जैसे गुणों का विकास होता है।

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