लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला

बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2750
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर

 

प्रश्न- सुकरात पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए।

उत्तर-

प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात (Socrates ) - समय (469-399 ई. पू.) सुकरात मूर्तिकार के पुत्र थे। प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात ने कहा कि अनुकृति का गत्यर्म अच्छी बातों की अनुकृति है। यह सिद्धान्त डेमोक्रिटस में विद्यमान था। सुकरात ने अनुकृति के सिद्धान्त का उल्लेख करने वाली अनुकृति को अच्छा न मानकर उसमें सौन्दर्य का सम्मिश्रण आवश्यक मानते थे क्योंकि कलाकार अनेक वस्तु के सुन्दर सुंदर अशों का चयन करके उनके आधार पर ही किसी सुंदर कृति की रचना करता है। वस्तुओं के बाहरी रूपों व अतिरिक्त सुख-दुख आदि जो मानसिक दशाएँ हैं, कला में उनकी भी अनुकृति करनी चाहिए। गोरजियास नामक दार्शनिक ने यह भी कहा कि अनुकृति का अर्थ मूल के समान प्रतिकृति (नकल) बनाना नहीं है। उन्होंने सर्वाधिक अनुकरण का सिद्धान्त प्रतिपादित किया। किन्तु सुकरात ने उसके स्थान पर वरेण्य (अच्छे और स्वीकार्य) अनुकरण को महत्व दिया। शुद्धीकरण का सिद्धान्त भी पायथागोरस के अनुयायियों में प्रचलित था जो संगीत और गणित के अनुशीलन से आत्मा का शुद्धीकरण मानते थे। सुकरात ने भी सौन्दर्य को कल्याणकारी माना था। इन्हीं बिखरे हुए विचारों के आधार पर आगे चलकर प्लेटो तथा अरस्तू के सिद्धान्त विकसित हुए।

 

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book