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बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2750
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर

 

प्रश्न- कला के अर्थ के सम्बन्ध में 'प्लेटो' के विचार के बारे में बताइये।

उत्तर-

कला शब्द आज के समाज के विभिन्न वर्गों में पृथक अर्थों में प्रचलित है अर्थात् कला का उद्गम मानव की सौन्दर्य भावना का परिचायक है। कला संस्कृत भाषा का शब्द है। 'कल' धातु से कला की उत्पप्ति मानी जाती है जिसका अर्थ है - प्रसन्न करना इसका व्यावहारिक अर्थ है किसी भी कार्य को पूर्ण कुशलता के साथ करना। कला व्यक्तित्व की तत्कालिक व स्पष्ट अभिव्यक्ति है। यह एक प्रकार से व्यक्तित्व व सामाजिक समायोजन की प्रक्रिया है।

कला का जन्म तो मानव मात्र के साथ हुआ, परन्तु कला चिन्तन बाद में आया। कला उतनी ही प्राचीन है जितना मानव स्वयं।

पाश्चात्य चिन्तन का आदियुग यूनान से आरम्भ होता है। यूनानी सभ्यता एक कला केन्द्रित सभ्यता थी। यूनानियों के लिये सौन्दर्य यथार्थ था, तथ्य था, कल्पना नहीं 'सत्यं शिवं सुन्दरम्' की अवधारणा पश्चिम में यूनानियों की देन है।

कला का प्रचीनतम् सिद्धान्त अनुकरण का सिद्धान्त है जिसे सुकरात ने दिया और बाद में प्लेटो और उनके शिष्यों ने पूर्णता दी। प्लेटो को अपने युग का ही नहीं, सभी युगों का महानतम् विचारक व दार्शनिक माना जाता है। एमरसन का प्रसिद्ध कथन "प्लेटो दर्शन और दर्शन प्लेटो से है।'

प्लेटो ने अपने जीवन में आदर्शवाद को महत्व दिया। वे सत्य के खोजी उपासक और बुद्धिवादी विचारक थे। प्लेटो ने विचार दिया "कला सत्य की अनुकृति की अनुकृति है।'

प्लेटो ईश्वर को सत्य मानते हैं। उनके विचार से यह सृष्टि उस ईश्वरीय सत्य की अनुकृति है कलाकार उसी अनुकृति की अनुकृति करता है। आदर्शवाद के अतिरिक्त अपने गुरू से उन्होंने संवाद विधि भी पाई। वे सत्य के खोजी, उपासक और बुद्धिवादी विचारक थे परन्तु लक्ष्य सदैव उच्च आदर्श रखते थे।

प्लेटो के अनुसार - सत्य वह है जिससे समाज और व्यक्ति के नैतिक तथा आध्यात्मिक जीवन को बल मिले। सत्य वह है जो नित्य, शाश्वत, स्वनिर्भर और निरपेक्ष हो। इसके विपरीत आभास वह है जो देश-काल में सीमित, परिवर्तनशील, सोपक्ष और तत्कालिक हो।

उनका मानना है। सत्य अमर है, वस्तुएँ नाशवान हैं। इस प्रकार साधारण वस्तुएँ आभास हैं क्योंकि वे नश्वर और प्रगतिशील हैं। कला केवल आभास की रचना करना नहीं है। कला में केवल इन्द्रियक का अनुकरण नहीं है, यह इन्द्रियों के ऊपर, उच्चतर मानसिक अवस्था को ले जाता है - जैसे- हर्ष व विषाद। कला के द्वारा मानसिक स्थितियों का भौतिक रूप में प्रकटीकरण होता है।

प्लेटो के अनुसार - सौन्दर्य निराकार परम है। वह विभिन्न विशेष वस्तुओं के रूप में प्रकट होकर साकार बनता है। सौन्दर्य जीवन को सुन्दर बनाता है, सुन्दर आकृतियों से सुन्दर जीवन, सुन्दर विचार, सुन्दर कृत्य आदि ऊँचे सोपान चढ़ता जाता है।

"If a man has eyes to see beauty, he becomes of friend of God and immortal."

- Plato on Low of Beauty - Symposiom

प्लेटो ने अपने ग्रन्थ 'रिपब्लिक' में आदर्श राज्य में कला के स्थान की विवेचना की। कला संस्कृति, राष्ट्रीय चेतना और जीवन की अभिव्यक्ति है। उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि प्लेटो का कला सम्बन्धी सिद्धान्त अनुकृति सिद्धान्त' या 'Imitation Theory of Art' कहा जाता है।

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