बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 संस्कृत बीए सेमेस्टर-4 संस्कृतसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 संस्कृत - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्या
1. औपचारिक पत्र
प्रार्थना पत्र लिखते समय निम्न बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए-
(i) प्रथम पंक्ति में बाईं ओर सेवायाम लिखकर कॉमा (,) लगाना चाहिए।
(ii) दूसरी पंक्ति में कॉमा (,) के ठीक नीचे अधिकारी के पद का नाम तथा पद नाम के बाद महोदय अवश्य लिखना चाहिए, महिला हो तो महोदया लिखना चाहिए।
(iii) जहाँ से प्राचार्य आदि प्रारम्भ किया है, उसके ठीक नीचे विद्यालय, कार्यालय आदि का नाम लिखना चाहिए।
(iv) तदुपरान्त अगली पंक्ति में ठीक उसी के नीचे नगर के नाम में स्थ जोड़कर लिखना चाहिए जैसे- कानपुरनगरस्थ, आगरानगरस्थ आदि
(v) प्रारम्भ करते समय जहाँ से 'सेवायाम्' लिखने का प्रारम्भ किया गया था, उसी क्रम में श्रीमान या महोदय लिखकर पत्र प्रारम्भ किया जाता है। श्रीमान् या महोदय के बाद सम्बोधन सूचक चिन्ह (!) अवश्य लगाना चाहिए।
कॉमा (,) के ठीक नीचे से उसी क्रम में, जहाँ ऊपर अधिकारी के पद का नाम प्रारम्भ किया जाता है, अपनी बात लिखना प्रारम्भ करनी चाहिए।
अन्त में भवदीय / भवदीया लिखकर नाम व पता दाईं ओर लिखा जाता है। वहीं बाईं ओर दिनांक लिखना चाहिए।
2. अनौपचारिक पत्र-
मित्र या सम्बन्धियों को पत्र लिखते समय निम्नांकित बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए-
(i) पूज्य वर्ग को पत्र लिखते समय दाईं ओर नगर का नाम तथा दिनाङ्क लिखना चाहिए।
(ii) बाईं ओर पिता, माता, गुरू आदि के लिए प्रातस्मरणीयः परमपूज्यः लिखना चाहिए। छोटों तथा मित्रादि के लिए प्रिय या प्रियवर का प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद (,) लगा देना चाहिए।
(iii) कॉमा (,) के ठीक नीचे पूज्य वर्ग के लिए प्रणाम: आदि, छोटों के लिए स्वस्ति, शुभाशीः तथा मित्रवर्ग के लिए नमस्कार या नमस्ते लिखना चाहिए। इन शब्दों के बाद भी कॉमा (,) लगाना चाहिए।
(iv) पत्र के अंत में भवदाज्ञाकारी, शुभेच्छु, भवदीय / भवदीया का प्रयोग करना चाहिए।
3. अनौपचारिक पत्रों में अपनी स्वेच्छा से परिवर्तन किए जाते हैं जैसे - सम्बोधन में या अन्त में जबकि औपचारिक पत्रों में नियमों का पालन अक्षरश: होता है।
4. शासनादेश, अर्द्धशासकीय पत्र, परिपत्र, कार्यालय आदेश, कार्यालय स्मृति पत्र, अधिसूचना, संकल्प, अनुस्मारक पत्र, प्रेस विज्ञप्ति, अशासकीय पत्र आदि सभी औपचारिक पत्र के अन्तर्गत आते हैं।
5. पत्र लेखन की महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं, जैसे - सरलता, स्पष्टता, संक्षिप्तता, भाषाशैली, निश्चयात्मकता आदि।
6. वैयक्तिक पत्र लिखते समय कुछ मङ्गलसूचक शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे श्री, ओऽम्, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः गणेशाय, श्री गुरवे नमः आदि।
7. अनौपचारिक पत्र के समापन में प्राय: लिखना चाहिए जैसे सर्वेभ्यः मम प्रणाम: प्रश्नोत्तरं शीघ्र यच्छन्तु, भवत्कृते स्वास्थ्यं इच्छामि, तस्य दिनस्य उत्सुकतया प्रतीक्षा करोमि इत्यादि।
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