लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र

बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2748
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

स्मृतियों के प्रकार

व्यक्तिगत स्मृति (Personal memory ) - इस स्मृति में हम अपने अतीत के व्यक्तिगत अनुभवों को स्मरण रखते हैं। हमें यह सदैव स्मरण रहता है कि संकट के समय हमारी सहायता किसने की थी।

अव्यक्तिगत स्मृति ( Impersonal memory) - इस स्मृति में हम बिना व्यक्तिगत अनुभव किये बहुत-सी पिछली बातों को याद रखते हैं। हम इन अनुभवों को साधारणतः पुस्तकों से प्राप्त करते हैं। अतः ये अनुभव सब व्यक्तियों में समान होते हैं।

स्थायी स्मृति (Permanent memory) - इस स्मृति में हम याद की हुई बात को कभी नहीं भूलते हैं। यह स्मृति बालकों की अपेक्षा वयस्कों में अधिक होती है।

तात्कालिक स्मृति ( Immediate memory ) - इस स्मृति में हम याद की हुई बात को तत्काल सुना देते हैं पर हम उसको साधारणतः कुछ समय के बाद भूल जाते हैं। यह स्मृति सब व्यक्तियों में एक-सी नहीं होती है और बालकों की अपेक्षा वयस्कों में अधिक होती है।

सक्रिय स्मृति (Active memory) - इस स्मृति से हमें अपने पिछले अनुभवों का पुनः स्मरण करने के लिये प्रयास करना पड़ता है। वर्णनात्मक निबन्ध लिखते समय छात्रों को उससे सम्बन्धित तथ्यों का स्मरण करने के लिये प्रयास करना पड़ता है।

निष्क्रिय स्मृति (Passive memory) - इस स्मृति से हमें अपने पिछले अनुभवों का पुनः स्मरण करने में किसी प्रकार का प्रयास नहीं करना पड़ता है। पढ़ी हुई कहानी को सुनते समय छात्रों को उसकी घटनायें स्वतः याद आ जाती हैं।

तार्किक स्मृति (Logical memory ) - इस स्मृति में हम किसी बात को भली-भांति सोच-समझकर और तर्क करके स्मरण करते हैं। इस प्रकार प्राप्त किया जाने वाला ज्ञान वास्तविक होता है।

यांत्रिक ( रटन्त) स्मृति (Rote memory) - इस स्मृति में हम किसी तथ्य को या किसी प्रश्न के उत्तर को बिना सोचे-समझे रटकर स्मरण रखतें हैं। पहाड़ा को याद करने और रखने की साधारण विधि यही है।

आदत स्मृति (Habit memory ) - इस स्मृति में हम किसी कार्य को बार-बार दोहरा कर और उसे आदत का रूप देकर स्मरण करते हैं। हम उसे जितनी अधिक बार दोहराते हैं उतनी ही अधिक अच्छी उसकी स्मृति हो जाती है।

शारीरिक स्मृति (Physiological memory ) - इस स्मृति में हम अपने शरीर के किसी अंग या अंगों द्वारा किये जाने वाले कार्य को स्मरण रखते हैं। हमें उंगलियों से टाइप करना और हारमोनियम बजाना स्मरण रहता है।

इन्द्रिय अनुभव स्मृति (Sense impression memory) - इस स्मृति में हम इन्द्रियों का प्रयोग करके अतीत के अनुभवों को फिर स्मरण कर सकते हैं। हम बन्द आँखों से उन वस्तुओं को छूकर, चखकर या सूँघकर बता सकते हैं, जिनको हम जानते हैं।

सच्ची या शुद्ध स्मृति (True or pure memory) - इस स्मृति में हम याद किये हुए तथ्यों का स्वतन्त्र रूप से वास्तविक पुनः स्मरण कर सकते हैं। हम जो कुछ याद करते हैं उसका हमें क्रमबद्ध ज्ञान रहता है। इसीलिये इस स्मृति को सर्वोत्तम माना जाता है।

अच्छी स्मृति के लक्षण

शीघ्र अधिगम (Quick learning) - अच्छी स्मृति का पहला गुण है- जल्दी सीखना या याद होना । जो व्यक्ति किसी बात को शीघ्र सीख लेता है उसकी स्मृति अच्छी समझी जाती है।

उत्तम धारण शक्ति (Good retention ) - अच्छी स्मृति का दूसरा गुण है- सीखी हुई बात को बिना दोहराये हुये देर तक स्मरण रखना। जो व्यक्ति एक बात को जितने अधिक समय तक मस्तिष्कं में धारण रख सकता है उसकी स्मृति उतनी ही अधिक अच्छी होती है।

शीघ्र पुनः स्मरण (Quick recall) - अच्छी स्मृति का तीसरा गुण है - सीखी हुई बात का शीघ्र याद आना। जिस व्यक्ति को सीखी हुई बात जितनी जल्दी याद आती है उसकी स्मृति उतनी ही अधिक अच्छी होती है।

शीघ्र पहचान (Quick recognition ) - अच्छी स्मृति का चौथा गुण है - शीघ्र पहचान। किसी बात का शीघ्र ही यह जान जाये कि आप जिस बात को स्मरण करना चाहते हैं वही बात आपको याद आई है।

अनावश्यक बातों की विस्मृति (Forgetting useless things) - अच्छी स्मृति का पाचवाँ गुण है- अनावश्यक या व्यर्थ की बातों को भूल जाना। यदि ऐसा नहीं है तो मस्तिष्क को व्यर्थ में बहुत-सी ऐसी बातें स्मरण रखनी पड़ती है जिनकी भविष्य में कभी आवश्यकता नहीं पड़ती है। वकील मुकदमें के समय उससे सम्बन्धित सब बातों को याद रखता है, पर उसके समाप्त हो जाने पर उनमें से अनावश्यक बातों को भूल जाता है।

उपयोगिता (Serviceableness) - अच्छी स्मृति का अन्तिम गुण है- उपयोगिता । इसका अभिप्राय यह है कि वह स्मृति अच्छी होती है जो अवसर आने पर उपयोगी सिद्ध होती है। यदि परीक्षण देते समय बालक स्मरण की हुई सब बातों को लिखने में सफल हो जाता है तो उसकी स्मृति उपयोगी है अन्यथा नहीं।

स्मरण करने की मितव्ययी विधियाँ

पूर्ण विधि (Whole method) - इस विधि में याद किए जाने वाले पूरे पाठ को आरम्भ से अन्त तक बार-बार पढ़ा जाता है। यह विधि केवल छोटे और सरल पाठों या कविताओं के ही लिये उपयुक्त है।

खण्ड विधि (Part method) - इस विधि में याद किए जाने वाले पाठ को कई खण्डों या भागों में बाँट लिया जाता है। इसके बाद उन खण्डों को एक-एक करके याद किया जाता है। इस विधि का दोष यह है कि आगे के खण्ड याद होते हैं और पीछे के भूलते जाते हैं।

मिश्रित विधि (Mixed method) - इस विधि में पूर्ण और खंड विधियों का साथ - साथ प्रयोग किया जाता है। इसमें पहले पूरे पाठ को आरम्भ से अन्त तक पढ़ा जाता है। फिर उसे खंडों में बांटकर उनको याद किया जाता है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book