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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2747
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

अन्तर पीढ़ी-संघर्ष का अर्थ दो पीढ़ियों में किन्हीं बातों को लेकर पाया जाने वाला मतभेद, टकराव या विरोध है। इस प्रकार अन्तर पीढ़ी का अभिप्राय आनुक्रमिक पीढ़ियों में पाया जाने वाला ऐसा मतभेद है जो टकराव की स्थिति पैदा कर देता है।

इलियट के शब्दों में - "प्रत्येक पीढ़ी यह विश्वास करती है कि उसके उत्तराधिकारी सीधे पतन के गर्त में जा रहे हैं, वे यह भूल जाते हैं कि वे भी अपने बड़ों की भयावह चिन्ता के विषय रहे हैं और जो भी परिवर्तन लाने में वे साधन बने हैं, आवश्यक रूप से विनाशकारी सिद्ध नहीं हुए हैं।"

अन्तर पीढ़ी संघर्ष का सम्बन्ध दो क्रमिक पीढ़ियों में पाए जाने वाले टकराव से है। पीढ़ियों में पाया जाने वाला अन्तराल प्रत्येक पीढ़ी में भिन्न प्रकार की सोच विकसित करता है।

चार्ल्स कूले के अनुसार - "सामाजिक अनुरूपता वह प्रयत्न है जिसके द्वारा कोई समूह अपने निर्धारित मानकों को बनाए रखता है। यह व्यवहार के प्रचलित तरीकों के ऐच्छिक अनुकरण की दशा है।"

व्यक्ति जिस समूह का सदस्य होता है, उस समूह के आदर्श नियमों, व्यवहार के तरीकों तथा प्रत्याशाओं के अनुसार कार्य करना ही अनुरूपता है।

सामाजिक विचलन का तात्पर्य कानूनों को तोड़ने अथवा अपराध करने से नहीं है बल्कि कानूनों के अन्तर्गत रहते हुए भी ऐसे व्यवहार करना है जो समाज द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होते। इस अर्थ में अन्तर-पीढ़ी संघर्ष को एक तरह का सामाजिक विचलन कहा जा सकता है।

जी0 एस0 घुरिये ने लिखा है - तनाव एक ऐसी मानसिक दशा है जिसमें किसी विशेष परिवर्तन या प्रास्थिति के कारण व्यक्ति अपने मस्तिष्ठ में खिंचाव या उलझन महसूस करने के कारण दूसरों के साथ स्वाभाविक अनुकूलन और सहयोग स्थापित नहीं कर पाता।

"प्रोफेसर बी० के० आर० बी० राव - यह मानते हैं कि औद्योगिक दशाओं तथा राजनीतिक व्यवस्था में होने वाला परिवर्तन अन्तर पीढ़ी तनाव का मुख्य कारण है।

डॉ० दामले का विचार है कि - नयी पीढ़ी समाज में अपना एक स्वतंत्र अस्तित्व चाहती है लेकिन परम्परागत सामाजिक मूल्य इसमें बाधक हैं। यह दशा नयी और पुरानी पीढ़ी के बीच संघर्ष पैदा करती है।"

सोरोकिन ने - गिरते हुए सामाजिक मूल्यों, इन्द्रिय परक संस्कृति के प्रति बढ़ते हुए आकर्षण एवं व्यक्तिवादी मनोवृत्तियों को इस संघर्ष का प्रमुख कारण कहा है।

तरूण मजूमदार यह मानते हैं कि- विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच बढ़ते हुए सामाजिक और आर्थिक विभेद इस समस्या का कारण है।

अन्तर पीढ़ी संघर्ष का पहला परिणाम पारिवारिक विघटन के रूप में देखने को मिलता है। जब नयी और पुरानी पीढ़ी के बीच तनाव पैदा होता है तो परिवार के सदस्यों के पारस्परिक सम्बन्ध टूटने लगते है।

अन्तरपीढ़ी तनाव इसलिए भी एक समस्या है कि इससे वैयक्तिक विघटन में वृद्धि होती है। आज युवा पीढ़ी में मद्यपान और नशीली दवाओं के सेवन की बढ़ती हुई प्रवृत्ति, यौनिक स्वतंत्रता, श्वेतसन अपराध तथा विवाह विच्छेद की दर में वृद्धि वैयक्तिक विघटन की समस्या को स्पष्ट करने वाली दशाएँ है।

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