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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2747
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

जे० ए० लैपोन्स ने अल्पसंख्यक की परिभाषा दो रूपों में वस्तुनिष्ठ व व्यक्तिनिष्ठ वस्तुनिष्ठ परिभाषा - "एक अल्पसंख्यक एक समूह है जिसकी प्रजाति, भाषा या धर्म बहुसंख्यक समूह की अपेक्षाकृत भिन्न होता है।"

व्यक्तिनिष्ठ परिभाषा - "एक अल्पसंख्यक एक समूह है जो स्वयं को एक अल्पसंख्यक के रूप में सोचता है।"

एच. कबीर ने लिखा है - " प्रजातन्त्र व्यवस्था के अतिरिक्त अन्य व्यवस्थाओं में अल्पसंख्यकों का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।"

इनसाइक्लोपीडिया अमेरिकाना के अनुसार  - "विशिष्ट अल्पसंख्यक प्रारम्भ से इतिहास के परिप्रेक्ष्य में अविरल एक सामान्य घटना रहे हैं।"

एच० के० जंकरस्ट्राफ के अनुसार - "अल्पसंख्यकों का स्थायित्व एक ऐसा तथ्य है जिस पर हम लोगों को अपना अनुसंधान प्रारंभ करना है।"

यूनाइटेड नेशन्स सब-कमीशन ऑन प्रिवेन्शन ऐण्ड प्रोटेक्शन आफ माइनारिटीज ने अल्पसंख्यक की निम्न परिभाषा दी है - "अल्पसंख्यक की अवधारणा के अन्तर्गत जनसंख्या के वे उप-प्रमुख समूह आते हैं जो स्थायी, प्रजातीय धार्मिक एवं भाषायी परम्परा को या शेष जनसंख्या के गुणों से भिन्न अपनी विशेषता को बचाए रखना श्रेयस्कर समझते हैं।"

इस परिभाषा से स्पष्ट है कि यह किसी समाज की जनसंख्या का एक भाग होता है। इसकी अपनी विशेषताएं होती हैं। यह अपनी विशेषताओं को सुरक्षित बनाए रखने का प्रयत्न करता है।

किसी समाज की जनसंख्या में विभिन्न आधारों पर जिन लोगों की संख्या कम होती है, उन्हीं को अल्पसंख्यक कहा जाता है।

मानवाधिकार आयोग के अनुसार "अल्पसंख्यकों के अन्तर्गत केवल वे समूह या समुदाय आते हैं जिनकी अधिक जनसंख्या वाले समूहों या समुदायों से भिन्न कुछ अलग संजातीय, धार्मिक, भाषायी या चारित्रिक विशिष्टता हो और जो अपनी इस विशिष्टता को बनाए रखना चाहते हैं।"

भारतीय समाज में तीन प्रकार के अल्पसंख्यक है यथा-धार्मिक समाज ये तीन प्रकार के अल्पसंख्यक है यथा - धार्मिक अल्पसंख्यक, भाषायी अल्पसंख्यक तथा राजनीतिक अल्पसंख्यक।

मुस्लिम अल्पसंख्यकों की समस्याएं - असुरक्षा की भवना, शैक्षणिक समस्याएं, आर्थिक पिछड़ापन, सांस्कृतिक पृथकता की समस्या, साम्प्रदायिक तनाव, भाषा की समस्या इत्यादि।

ईसाई व सिक्ख अल्पसंख्यकों की समस्याएं - ईसाई मिशनरियों का विरोध, क्योंकि हिन्दुओं की निम्न जातियों ने गरीबी के कारण ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया। पंजाब में सिक्खों की जनसंख्या 61% है।

कुछ सिक्खों ने खालिस्तान राज्य की माँगें उठाने लगे थे।

अनुच्छेद 29 के अनुसार भारत के सभी नागरिकों को अपनी विशेष भाषा, संस्कृति और लिपि को बनाए रखने का प्रावधान है।

सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या में इन अल्पसंख्यक समुदायों की जनसंख्या 17% से कुछ अधिक थी।

संविधान के अनुच्छेद 16 तथा 25 में अल्पसंख्यकों को सार्वजनिक सेवाओं में समान अवसर देने और व्यक्ति को किसी भी धर्म का प्रचार करने या उसे स्वीकार करने का अधिकार दिया गया है। सन् 1992 में लोकसभा द्वारा 'अल्पसंख्यकों पर राष्ट्रीय आयोग कानून' पास किया गया। संविधान के अनुच्छेद 350-बी के अन्तर्गत भाषायी अल्पसंख्यकों के लिए एक पृथक आयुक्त को नियुक्त किया गया। इसका काम भाषायी अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुरक्षाओं से सम्बन्धित मामलों की जानकारी करके उनका समुचित समाधान करना है।

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