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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2747
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

दुखींम के अनुसार - "आत्महत्या शब्द का प्रयोग मृत्यु के उन सभी प्रकारों के लिए किया जाता है जो कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के सकारात्मक तथा नकारात्मक कार्य का परिणाम है। जिसका कि उसे ज्ञान है।"

इलियट एवं मेरिल के अनुसार - "आत्महत्या वैयक्तिक विघटन का अन्तिम दुखान्त एवं अपरिवर्तनीय चरम बिन्दु का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यक्ति के दृष्टिकोणों में होने वाले क्रमबद्ध परिवर्तनों का अन्तिम स्तर है जिनमें जन्मकाल के समय उत्पन्न जीवन के प्रति अगाध प्रेम के स्थान पर जीवन के प्रति घृणा उत्पन्न हो जाती है।"

कैवन के अनुसार - "आत्महत्या स्वेच्छा से अपनी जीवन लीला समाप्त करने हेतु अथवा मृत्यु द्वारा आतंकित होने पर जीवन को बचाने की असमर्थता है।"

आत्महत्या में तीन तत्व हैं-

(1) स्वेच्छा
(2) जागरूकता
(3) प्रयास।

दुर्खीम ने आत्महत्या के चार प्रकार बताए हैं।

फ्रांस के महान सामाजिक विचारक इमाइल दुर्खीम समाजशास्त्र के प्रथम प्रो० के रूप में विख्यात हैं।

दुखींम की तृतीय रचना 'आत्महत्या' का प्रकाशन 1897 में हुआ।

दुखींम के अनुसार, "आत्महत्या का सामाजिक वातावरण की कुछ अवस्थाओं से उतना ही प्रत्यक्ष व स्थिर सम्बन्ध है, जितना कि अनिश्चित तथा स्पष्ट जीवशास्त्रीय तथा भौतिक तथ्यों से हैं। "

मेनिन्जर का आत्महत्या का सिद्धान्त पूर्णतया मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है।

मेनिन्जर के अनुसार - मनुष्यों में न केवल जीने की इच्छा ही मूल प्रवृत्त्यात्मक प्रेरक होती है बल्कि मरने की इच्छा की भी प्रेरक प्रवृत्ति होती है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में इन दोनों प्रेरक प्रवृत्तियों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

मेनिन्जर के अनुसार - आत्महत्या को मृत्यु के एक जटिलतम् स्वरूप में ही पूर्णतया समझा जा सकता है जिसमें निम्न तत्वों का स्पष्ट समावेश होता है -(i) मारने की इच्छा (ii) मारे जाने की इच्छा।

दुर्खीम के अहंवादी आत्महत्या के अनुसार - इस प्रकार की आत्महत्या अति व्यक्तिवाद या अहंवाद के कारण होती है तथा यह समाज एवं परिवारिक संश्लिष्टता के शिथिल हो जाने की परिस्थिति में पायी जाती है।

भाग्यवादी आत्महत्या के अनुसार- इस प्रकार की आत्महत्या वे लोंग करते हैं जिनके ऊपर सामाजिक दबाव होता है, जैसे - दास द्वारा की गई आत्महत्या। 

आत्महत्या के पारिवारिक कारण हैं-

(i) भग्न परिवार
(ii) परिवार में कलह
(iii) दुःखी दाम्पत्य जीवन
(iv) रोमांस।

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