बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
रोजा लक्ज़मबर्ग 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ की पोलिश समाजवादी क्रांतिकारी महिला थी। इन्हें क्रांतिकारी मार्क्सवाद की मूल प्रवर्तक माना जाता है।
इनका जन्म 5 मार्च, 1871 को जमोस्क, पोलैण्ड में हुआ था।
इनकी मृत्यु 15 जनवरी, 1919 को बर्लिन, जर्मनी में हुई थी।
एक राजनीतिक सिद्धान्तकार के रूप में, लक्ज़ेमबग ने मार्क्सवाद में एक मानवतावादी सिद्धान्त को विकसित किया।
इन्होंने सैद्धान्तिक मार्क्सवाद में आस्था रखते हुए "जन- इच्छा" को सम्मान देने की माँग की।
इनकी एक आरम्भिक कृति 'सोशल रिफॉर्म और रिवोल्यूशन'।
इनका लोकतंत्र और स्वतंत्रता के सिद्धान्तों में अडिग विश्वास था।
इन्होंने समाजवाद का अर्थ आर्थिक और राजनैतिक जीवन में जनता की बराबर साझेदारी बताया है।
इनका मार्क्सवादी की मूल मान्यता पर अडिग विश्वास था।
इन्होंने कहा था कि यदि समाज में लोकतंत्र का दमन कर दिया जाएगा तो दल में भी लोकतंत्र नहीं रहेगा।
इन्होंने 'पूँजीवाद के पतन की भविष्यवादी की थी।
इन्होंने जूनियस पैम्फलेट और अपने अन्य लेखन द्वारा सोशल डेमोक्रेसी द्वारा अपनाये देशभक्तिपूर्ण रवैये की आलोचना की थी।
ये भूमि सम्बन्धी नीति और राष्ट्रवादी नीति से असंतुष्ट थी।
इन्होंने रजवाड़े आदि की सम्पत्ति पर अत्यधिक बल दिया।
इन्होंने राजनैतिक दल जर्मनी की कम्युनिष्ट पार्टी में बतौर नेता के रूप में कार्य किया।
ये सन् 1905 में रूसी क्रांति की वामपंथ नेता रहीं।
इनका एक प्रसिद्ध कार्य 'वहाट इज टू बी' था।
इन्होंने कहा था कि जब पूँजीवाद अपने विसतार की चरम सीमा पर पहुँच जाएगा और उसे आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिलेगा, तब वह टूट जायेगा।
इन्होंने कहा था कि साम्राज्यवाद का शिकंजा करने के लिये इसमें ज्यादा से ज्यादा हिंसा और सैन्यवाद का सहारा लिया जाता है।
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