बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
एपिक्यूरिन सम्प्रदाय को जन्म देने वाले एपिक्यूरस हैं।
इनका जन्म ई० पू० 342 में सेंमॉस में हुआ था।
इनके अनुसार सुखमय जीवन व्यतीत करना ही जीवन का उद्देश्य है।
इन्होंने सुख को परम शुभ तथा दुःख को अशुभ माना है।
एपिक्यूरस की मृत्यु 270 ई० पू० हुई थी।
एपिक्यूरियन सम्प्रदाय लगभग 600 वर्षों तक चलता रहा।
डायनिसियस, अपोलोडोरस, फीड्स आदि इस सम्प्रदाय के अन्य समर्थक हैं।
एपिक्यूरस के अनुसार सुखमय जीवन व्यतीत करना ही जीवन का उद्देश्य है।
इनके अनुसार सुख प्राप्ति नैतिकता का आधार है।
इनके अनुसार आवश्यकता को बढ़ाना ही दुःख है तथा आवश्यकता को सीमित करना ही सच्चा सुख है।
इनके अनुसार आत्मा परमाणु द्वारा निर्मित है तथा मृत्यु के समय ये परमाणु बिखर जाते हैं।
ये भावी जीवन की कल्पना करना व्यर्थ बताते हैं।
ये संसार की प्रत्येक घटना को यांत्रिक मानते हैं। इनका नीतिशास्त्र भौतिक यन्त्रवादी दर्शन पर आधारित है।
इनका मानना है कि मनुष्य को मृत्यु के बाद दण्ड के भय से भयतीत होने की आवश्यकता नहीं है।
ये दार्शनिक ज्ञान को शीर्ष ज्ञान मानते हैं तथा ज्ञान को सत्य का साधन या मार्ग स्वीकार करते हैं।
ज्ञान प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन इन्द्रियों को मानते हैं।
ये सुख प्राप्ति तथा दुःख-परिहार को मानव के कर्तव्य का मूल मानते हैं।
इनका दर्शन डेमोक्रिटस से विशेष रूप से प्रभावित है।
इनके अनुसार सुख-दुःख हमारे कर्म के प्रेरक तत्व हैं।
एपिक्यूरस ने सर्वोच्च सद्गुण विवेक को माना है।
इनके अनुसार विवेक के बिना मनुष्य किसी सद्गुण को प्राप्त नहीं कर सकता है।
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