प्राचीन भारतीय और पुरातत्व इतिहास >> बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- संगम साहित्य में पाण्ड्य राज्य के राजवंश की सहभागिता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संगम साहित्य में पाण्ड्य राज्य का राजवंश
पाण्ड्यों का राज्य संगम युग में तृतीय राज्य माना जाता है। यह राज्य कावेरी नदी के दक्षिणी ओर बसा था। मदुरा इनकी राजधानी थी। पाण्ड्य राज्य में वर्तमान का मदुरा व तिन्नेवल्ली के जिले तथा त्रावनकोर का कुछ हिस्सा आता था।
पाण्ड्य राजाओं के सम्बन्ध में जो विवरण संगम साहित्य में दिया गया है वह संदेहास्पद होने के कारण उसको आधार मानते हुए इतिहास को स्पष्ट करना सम्भव नहीं है। पाण्ड्य वंश का सर्वाधिक प्रतिभाशाली शासक नेडुजेलियन (लगभग 210 ई.) था। संगम साहित्य में जिन पूर्ववर्ती शासकों के नाम प्राप्त होते हैं वे नेडियोन, पतशाले, मुदुकुडमै तथा नेडुजेलियन हैं। संगम साहित्य में पाण्ड्य शासनकाल की कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है। इसलिए उनके काल का सही निर्धारण नहीं हो सका है।
जब नेडुजेलियन राजा बना उस समय उसकी उम्र बहुत कम थी। उस पर चेर, चोल तथा पाँच अन्य शासकों ने आक्रमण करके उसकी राजधानी मदुरा को घेर लिया। परन्तु वह अत्यन्त वीर तथा साहसी था। उसने अपने शत्रुओं को खदेड़ दिया तथा उसने चोल राज्य में घुसकर तलैयालनगानमे युद्ध में सभी को हराकर चेर शासक शेय को बन्दीगृह में डाल दिया। नेडुजेलियन के बाद पाण्ड्य राज्य गर्त में चला गया था परन्तु सातवीं शताब्दी में वह पुनः उठ खड़ा हुआ।
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