प्राचीन भारतीय और पुरातत्व इतिहास >> बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- परवर्ती कदम्ब राजवंश का संक्षिप्त इतिहास बताइए।
उत्तर-
कदम्बों की राज्य शक्ति ईसा की छठी शताब्दी के अन्तिम वर्षों तक क्रमशः क्षीण हो चुकी थी। वातापी के चालुक्यों के उत्कर्ष के उपरान्त कदम्बों का राज्य नितान्त शक्तिहीन हो गया। सर्वप्रथम पुलकेशिन् प्रथम ने कदम्बों से उत्तरी प्रदेश अपने अधीन कर लिया तत्पश्चात् उनके राज्य पर भी अपना 'अधिकार स्थापित कर लिया। इसी प्रकार कदम्बों के दक्षिणी भू-भाग पर गंगों का आधिपत्य स्थापित हो गया।
दसवीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में इस संकुचित कदम्ब राज्यकुल ने पुनः अपनी शक्ति का विस्तार करना आरम्भ किया। उन्होंने दक्कन के कुछ भागों तथा कोंकण के कई भागों पर 10वीं से 13वीं शताब्दी तक शासन किया। इन शताब्दियों में इनके कई राज्यकुलों को प्रसिद्धि प्राप्त हुई जिनमें मुख्यतः हांगल के कदम्ब तथा गोआ के कदम्ब राज्यकुलों का इतिहास उल्लेखनीय है। हांगल के कदम्बों ने सिरसी, हांगल क्षेत्र पर तथा गोआ के कदम्बों ने गोआ, धारवाड़ तथा बेलगाँव आदि क्षेत्रों पर शासन किया। इस राजवंश के कुछ परवर्ती शासकों ने रायचूर एवं धारवाड़ जनपदों पर पश्चिमी चालुक्यों के अधीन तथा बाद में देवगिरि के यादवों के अधीन शासन किया।
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