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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2743
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- मनोविदलता के सामाजिक-सांस्कृतिक कारक पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर-

सामाजिक सिद्धान्तवादी मानते हैं कि मनोविदलता मूलतः समाज की ही देन है तथा सामाजिक प्रत्याशा एवं मानक की विभिन्नता के अनुरूप मनोविंदलता का यह रोग एक समाज से दूसरे समाज तक परिवर्तित होता है। प्रत्येक समाज व्यक्ति के व्यवहार में उत्पन्न अनोखेपन को विभिन्न तरीके से परिभाषित करता है। संक्षेप में, जिन लक्षणों को पश्चिमी समाज में मनोविदलता कहेंगे, वे उन लक्षणों से भिन्न होंगें जो अन्य देशों तथा संस्कृतियों द्वारा परिभाषित होंगे।

व्यक्ति के सामाजिक वर्ग का भी प्रभाव मनोविदलता पर पड़ता है। अध्ययनों में पाया गया है कि जब व्यक्ति की सामाजिक वर्ग निम्न होता है तब मनोविदलता के उत्पन्न होने का प्रतिशत अधिक होता है। यह संबंध बड़े शहरों में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, लेकिन छोटे शहरों के बीच यह संबंध अस्पष्ट होता है। फेरिस तथा डानहाम (1949) के अनुसार, "अमेरिका में मनोविदलता के होने की उच्चतम दर उन शहरों में पायी गयी जिसमें निम्न सामाजिक स्तर के लोग अधिक रहते थे।" लार्क ने यह बताया कि "पेशे का भी प्रभाव मनोविदलता पर पड़ता है। निम्न स्तर के व्यवसाय या पेशे में मनोविदलता की दर अधिक होती है। इस तथ्य की पुष्टि अन्य अध्ययनों से भी हुई है।"

सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों जैसे सामाजिक वर्ग, पेशा, नामकरण, संस्कृति के विभिन्न तथा विरोधी प्रत्याशाएँ एवं मानकों का प्रभाव मनोविदलता की उत्पत्ति पर पड़ता है।

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