बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मनोविदलता के आयाम बताइये।
उत्तर-
मनोविदलता के निम्नलिखित तीन आयाम बताये गये हैं-
1. तीक्ष्ण चिरकालिक विमा (Active Chronic Dimension) - इस विमा में मनोविदलता के भयावह लक्षणों की शुरूआत अचानक, परन्तु तेजी से किसी घातक घटना के कारण होती है। अध्ययनों के अनुसार इस तरह के मनोविदलता में प्रायः रोगी के जीवन में ऐसा संकट उत्पन्न होता है जो उसमें सांवेगिक अशांति पैदा कर देता है तथा वह इससे बचने का कोई रास्ता न पाकर मनोविदलता का लक्षण विकसित कर लेता है।
2. धनात्मक और ऋणात्मक लक्षण विमा (Dimension of Positive and Negative Symptoms) - मनोविदलता के इस आयाम में रोर्ग धनात्मक ऋणात्मक लक्षण दिखाता है। इस आधार पर इसे टाई - I तथा टाईप-II दो भागों में बॉट सकते हैं-
(a) टाईप-I मनोविदलता - इसमें धनात्मक लक्षण पाये जाते हैं, जैसे व्यामोह, विभ्रमं आदि । यह धनात्मक लक्षण व्यक्ति के मस्तिष्क में डोपामास न्यूरोट्रांसमीटर को अति सक्रिय कर देते हैं।
(b) टाईप-II मनोविदलता - इसमें ऋणात्मक लक्षण प्रदर्शित होते हैं, जैसे- इच्छाशक्ति की कमी, कुंठित प्रभाव आदि।
3. व्यामोही-अव्यामोही विमा (Paranoid-nonparanoid Dimension) - इस विमा में व्यक्ति दण्डात्मक व्यामोह तथा बड़प्पन व्यामोह की उपस्थिति या अनुपस्थिति दिखाता है। उपस्थिति की अवधि को व्यामोही तथा अनुपस्थिति की अवधि को अव्यामोही कहते हैं।
|