बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न - मनोविदलता का अर्थ लिखिए।
उत्तर-
मनोविदलता लैटिन भाषा के नाम Dementia Praecox से निर्मित है। इस नाम का उपयोग जर्मन मनोचिकित्सक क्रेपलिन (Kraepelin) ने किया। क्रेपलिन के अनुसार यह रोग बाल्यावस्था किशोरावस्था तथा प्रौढावस्था में होता है। क्रेपलिन का यह विचार भी था कि मनोविदलता में मानसिक शक्तियों का ह्रास स्थायी रूप से नहीं होता है।
कोलमैन 1964 के अनुसार - "मनोविदलता वह विवरणात्मक पद है जिसमें मनोविक्षिप्तता से सम्बन्धित कई विकारों का बोध होता है। इसमें बड़े पैमाने पर वास्तविकता की तोड़-मरोड़ दिखायी देती है। रोगी सामाजिक अन्तः क्रियाओं से पलायन करता है। व्यक्ति का प्रत्यक्षीकरण विचार और संवेग अपूर्ण और विघंटित रूप में होते हैं।"
प्रश्न- मनोविदलता की अवस्थायें बताइये।
उत्तर-
मनोविदलता के रोग की निम्नांकित तीन अवस्थायें होती हैं-
1. पूर्व-लाक्षणिक अवस्था (Predromal Phase) - इस अवस्था में मनोविदलता के रोग के लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, लेकिन व्यक्ति के कार्य करने की सामान्य क्षमता में हास होता जाता है।
2. सक्रिय अवस्था (Active Phase) - इस अवस्था में मनोविदलता के लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं। इस अवस्था की शुरूआत व्यक्ति की भावपूर्ण जिन्दगी से होती है। इसमें रोग के धनात्मक एवं ऋणात्मक लक्षण स्पष्ट रूप से देखने को मिलते हैं।
3. अविशिष्ट अवस्था (Residual Phase) - इस अवस्था में रोगी लाक्षणिक अवस्था के समान लक्षण प्रदर्शित करता है। सक्रिय अवस्था के गंभीर लक्षणों में थोडी कमी आ जाती है. परन्तु बहुत से रोगियों में सतत ह्रास के लक्षण दिखाई देते हैं। रोगी कुंठित हो जाता है तथा अपने उत्तरदायित्व निभाने में असमर्थ रहता है।
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