बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मनोग्रस्तता बाध्यता विकृति से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख लक्षणों, कारणों तथा उपचार की विभिन्न प्रविधियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
मनोग्रसित बाध्यता विकृति के प्रमुख लक्षणों तथा कारणों का वर्णन कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. टिप्पणी लिखिए-
(i) मनोग्रस्तता।
(ii) बाध्यता।
(iv) मनोग्रस्तता के प्रकार।
(iii) मनोग्रस्तता-बाध्यता विकृति क्या?
(v) बाध्यता के प्रकार।
(vi) मनोग्रस्तता बाध्यता के कारण।
(vii) मनोग्रस्ति- बाध्यता के उपचार।
(viii) मनोग्रस्तता बाध्यता विकृति के उपचार।
2. मनोग्रहीत बाध्यता विकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
(Obsessive-compulsive Disorder)
आरम्भ में नैदानिक मनोवैज्ञानिकों का विचार था कि मनोग्रस्तता तथा बाध्यता दो स्वतन्त्र रूप हैं। परन्तु बाद के अध्ययनों में यह ज्ञात हुआ कि ये दोनों स्वतन्त्र रोग नहीं हैं बल्कि एक ही विकृति के दो पहलू हैं।
1. मनोग्रस्तता (Obsession) - मनोग्रस्तता में रोगी बार-बार किसी अतार्किक एवं असंगत विचारों को न चाहते हुये भी मन में दोहराता है। रोगी ऐसे विचारों की अर्थहीनता तथा असंगतता को समझते हुये भी इनसे छुटकारा पाने में लाचार होता है। ऐसे विचार बार-बार उसके मन में आकर मानसिक असंगति उत्पन्न करते हैं।
डेविसन तथा नील (1996) के अनुसार - "मनोग्रस्तता अन्तर्वेधी एवं पुनरावर्ती चिन्तन, आवेग एवं प्रतिमाएँ होती हैं जो मन में बिना बुलाये या स्वैच्छिक रूप से आती हैं और अनुभव करने वाले व्यक्ति के लिये असंगत एवं अनियंत्रणीय होता है।'
2. बाध्यता (Compulsion) - बाध्यता एक प्रकार की व्यवहारात्मक प्रतिक्रिया है जिसमें रोगी अपनी इच्छा के विरुद्ध किसी क्रिया को बार-बार करने के लिए बाध्य रहता है, जैसे- बार-बार साफ-सुथरे हाथ धोना।
(Types of Obsession)
अख्तर तथा उनके सहयोगियों के अनुसार मनोग्रस्तता के निम्नलिखित तीन प्रमुख प्रकार हैं-
1. मनोग्रस्ति शक (Obsessive Doubts) - इस तरह के सतत विचार का सम्बन्ध कुछ ऐसे पूर्ण कार्य से होता है जिसे ठीक-ठाक ढंग से सम्पन्न कर लिया जाता है, जैसे कमरे का ताला ठीक से बन्द करने के बाद भी रोगी के मन में यह विचार आता है कि उसने ताला ठीक ढंग से नहीं लगाया ।
2. मनोग्रस्ति आवेग (Obsessive Impulses) - इसमें व्यक्ति को तुच्छ क्रिया करने की इच्छा बार-बार आती है, जैसे एक वकील में अपने एकलौते बेटे को मारने की तीव्र आवेगिक इच्छा बार-बार आती थी।
3. मनोग्रस्ति चिन्तन (Obsessive Thinking) - इस तरह के चिन्तन का सम्बन्ध रोगी को भविष्य में होने वाली घटनाओं के सम्बन्ध में होता है, जैसे- शादी हो जाने के बाद नौकरी छूट जाने का डर।
(Types of Compulsion)
बाध्यता निम्नलिखित दो प्रकार की होती है-
1. अनुवर्ती बाध्यता (Yielding Compulsion) - इसमें रोगी क्रिया करने का प्रबल दबाव अनुभव करता है। इस प्रकार की बाध्यता करीब 61% रोगियों में पायी गयी।
2. नियंत्रण बाध्यता (Controlling Compulsion ) - इस तरह की बाध्यता में रोगी अपना ध्यान किसी बाधित व्यवहार को नियंत्रित करने के लिये कुछ आवर्ती व्यवहार करता है।
(Obsession Compulsion Symptoms)
मनोग्रस्तता बाध्यता के लक्षण में व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिए बाध्यता का अनुभव करता है। वह कार्य उसको निरर्थक और विचित्र लगता है। वह व्यक्ति उस कार्य की नहीं करना चाहता है, फिर भी उसे कार्य को करना पड़ता है। इन कार्यों का क्षेत्र बहुत व्यापक होता है। कई अध्ययनों में यह देखा गया है जब बाध्यता से सम्बन्धित कार्य रोगी करता है तो उसे सन्तोष प्राप्त नहीं होता बल्कि उसका तनाव भी कम हो जाता है। कुछ अध्ययनों में यह भी देखा गया है कि जब व्यक्ति बाध्यता से सम्बन्धित कार्य में अवरोध उत्पन्न करता है तो उसके अन्दर चिन्ता, बेचैनी तथा तनाव आ जाता है।
एक 18 वर्ष का बालक दिन में लगभग सैकड़ों बार हाथ धोता था। उसके मन में यह विचार आता था की उसके हाथ गन्दे हैं, इसलिये वह अपने हाथ धो लेता था। भले ही वह अपने हाथ कुछ समय पहले ही क्यों न धोकर आया हो, वह फिर भी हाथ धोता था । मनोविश्लेषण करने पर अध्ययनकर्ताओं को यह ज्ञात हुआ कि उसकी हाथ की गदंगी का राज उसकी हस्तमैथुन की आदत थी।
मनोग्रस्तता बाध्यता (Obsessive Compulsion) - मनस्ताप में मनोग्रस्तता और बाध्यता के मिले-जुले लक्षण पाये जाते हैं। इनमें से यदि किसी का प्रभाव अधिक होता है तो उसके लक्षणों की आवृत्ति अधिक होती है।
रॉस ने अपनी पुस्तक कामन न्यूरोसिस में निम्नलिखित मनोग्रस्तता बाध्यता के केस का वर्णन किया है। इस पुस्तक में यह बताया गया है कि एक रोगी के मन में 14 संख्या के लिये सनक अथवा मनोग्रस्तता थी। इस संख्या में उसे डर सा लगता था माह की 14 व 27 तारीख को वह बिस्तर से नहीं उठता था क्योंकि 27 तारीख में भी 14 अक्षर आता है। यदि जब कोई उससे Oh Good Morning अथवा Oh Good After Noon कहता था तब भी उसके सामने दिमाग में 14 की संख्या आ जाती थी। जब वह सीढी पर चढता था तब वह सीढी को गिनता जाता था तथा 14वीं सीढ़ी को वह कूदकर चढ़ता था, क्योंकि वह तेरहवीं सीढ़ी पर पैर रखने से डरता था।
मनोग्रस्तता बाध्यता के कारण
(Causes of OCD)
इसके प्रमुख कारक निम्नांकित हैं-
1. जैविक कारक (Biological Factors) - OCD की उत्पत्ति में जैविक कारकों की निर्णायक भूमिका होती हैं। एक अध्ययन से ज्ञात हुआ कि OCD के रोगी के 40% सम्बन्धियों में भी OCD का रोग था।
2. मनोविश्लेषणात्मक कारक (Psychoanalytical Factors) - इसके अनुसार जब अवांछनीय तथा अचेतन के चिन्तन जो दमित होकर व्यक्ति के अचेतन में चले जाते हैं, चेतन में आने का प्रयास करते हैं, तो इससे व्यक्ति एक सुरक्षात्मक उपायों को ढूंढता है तथा इस सुरक्षात्मक उपाय के रूप में वह OCD के लक्षणों को विकसित कर लेता है।
3. व्यवहारात्मक कारक (Behavioural Factors) - इस कारक के अनुसार यह एक सीखी गयी विकृति है जो विशेष तरह के परिणामों से पुनर्बलित होती है।
(Treatment of Obsessive
Compulsive Disorder)
1. मनोविश्लेषणात्मक चिकित्सा (Psychoanalytic Therapy) - इसमें रोगी के अचेतन मन में दमित मानसिक संघर्ष की पहचान करने का प्रयास किया जाता है।
2. व्यवहार चिकित्सा (Behaviour Therapy) - व्यवहार चिकित्सा की तीन प्रविधियाँ अर्थात् मॉडलिंग, फ्लडिंग (Flooding) तथा अनुक्रिया निवारण (Response prenention) को संयोजित कर OCD का सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है।
3. औषधि चिकित्सा (Drug Therapy) - OCD के उपचार में कुछ औषधियों के काफी गुणकारी प्रभाव दिखाई पड़ते हैं। क्लोमिप्रोमाइन (Clomipromine ) एक ऐसी औषधि है जिसके सेवन से OCD के लक्षण समाप्त हो जाते हैं।
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