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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2743
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर क्या है? इसके लक्षणों एवं कारणों को स्पष्ट कीजिए।

अथवा

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) की व्याख्या करते हुए उसके लक्षणों एवं, कारणों की समझाइए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. ASD के संकेत और लक्षण बताइए।
2. ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर क्या है?

उत्तर-

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर ( ASD) एस्पर्गर सिंड्रोम (Asperger Syndrome) सहित ऐसी ही मानसिक समस्याओं का एक समूह है। यह पीड़ित व्यक्ति के सामाजिक संपर्क, संचार, रुचि और व्यवहार को प्रभावित करता है।

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों में आमतौर पर तीन साल की उम्र से पहले ही लक्षण नजर आने लगते हैं हालांकि उनका निदान आमतौर पर तीन साल की उम्र के बाद किया जाता है।

जब कोई बच्चा ठीक से बोलने में सक्षम नहीं होता है और पूछे जाने पर उत्तर देने में असमर्थ होता है या बार-बार वहीं बात दोहराता है।

आँकड़ों के अनुसार हर 100 में से 1 व्यक्ति एएसडी (ASD ) से पीड़ित पाया जाता है। यह बीमारी लडकियों की अपेक्षा लडकों को अधिक प्रभावित करती है।

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के संकेत और लक्षण

एएसडी (ASD) से पीड़ित लोगों में सामाजिक संपर्क और संचार की समस्याएँ होती हैं। प्रारम्भिक अवस्था में ASD से पीड़ित कुछ बच्चे तुतला कर नहीं बोलते हैं या अन्य वोकल साडड का उपयोग नहीं करते हैं। बड़े बच्चों को दूसरों के साथ बातचीत करने के लिए गैर-मौखिक व्यवहार का उपयोग करने में समस्या होती है, जैसे आईकॉन्टैक्ट, चेहरे के भाव, शरीर की भाषा और मुद्रा के साथ कठिनाई होती है।

ASD से पीडित बच्चों में जागरूकता और रुचि की कमी हो सकती है। वे अपने उम्र के बच्चों के साथ बातचीत करने के बजाय अक्सर बड़े या छोटे बच्चों पर दबाव डालते हैं। वे अकेले खेलते हैं।

उन्हें अन्य लोगों की भावनाओं और अनुभवों को समझना मुश्किल होता है और बातचीत शुरू करने या इनमें शामिल होने में कठिनाई होती है। उनके भाषा के विकास देर से होता है और ASD से पीड़ित बच्चा हाव-भाव या चेहरे के भावों का उपयोग करके बात नहीं कर पाता है वह किसी भी तरह भाषा की कमी या भाषा कौशल में देरी की भरपाई नहीं कर सकता है।

ASD का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह कई जटिल आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारकों से होता है।

जीन - अधिकांश शोधकर्ताओं का मत है कि माता-पिता से बच्चे को मिले जीन के कारण उसमें एएसडी (ASD ) विकसित होने की संभावना होती है। ASD एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी पहुँच सकता है। ASD से पीड़ित बच्चों के छोटे भाई-बहनों को भी यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा समान जुड़वा बच्चों में भी यह समस्या आम है।

पर्यावरणीय कारक - अनुसंधानकर्त्ताओं का मत है कि आनुवांशिक गड़बड़ी के साथ पैदा - हुए बच्चे को केवल तभी एएसडी हो सकता है जब वह किसी विशिष्ट पर्यावरणीय कारक के सम्पर्क में होता है।

समय से पहले जम्न (गर्भावस्था के 35वें सप्ताह से पहले) या गर्भ में शराब या कुछ दवाओं जैसे सोडियम वैल्प्रोएट के संपर्क में आने के कारण यह बीमारी हो सकती है।

अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ - ASD से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं-

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी - यह वंशानुगत आनुवांशिक समस्याओं का एक समूह है जो धीरे- धीरे मांसपेशियों को कमजोर कर देता है।

डाउन सिंड्रोम - यह एक आनुवांशिक बीमारी है जो आमतौर पर सीखने की क्षमता और कई शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करती है।

सेरेबल पाल्सी - ऐसी समस्या जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है जिससे शारीरिक गति और समन्वय में परेशानी होती है।

न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस - कई आनुवांशिक समस्याओं के कारण ट्यूमर हो जाता है जो नसों के साथ बढ़ता है।

इनफेंटाइल स्पैस्म - यह एक प्रकार की मिर्गी है जो आमतौर पर छोटे बच्चों में विकसित होती हैं।

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