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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2743
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- बहुद्रव्य उपयोग किस तरह व्यक्ति को प्रभावित करता है? व्याख्या कीजिए।

अथवा

द्रव्य-सम्बद्ध विकृति क्या है? इसके प्रभावों का वर्णन कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. क्रॉस सहनशीलता के प्रभाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
2. साइनरजिस्टीक प्रभाव किस प्रकार व्यक्ति को प्रभावित करता है? संक्षिप्त व्याख्या कीजि
ए।

उत्तर-

व्यक्ति एक समय में एक से अधिक औषध का उपयोग करते हैं। इसे बहुद्रव्य उपयोग की संज्ञा दी जाती है। बहुद्रव्य उपयोग की आवृत्ति आजकल बहुत तेजी से बढ़ रही है। बहुद्रव्य उपयोग के दो तरह के प्रवाह व्यक्ति में देखने को मिलते हैं-

(1) क्रॉस-सहनशीलता का प्रभाव (Cross-tolerance Effect) - कभी-कभी दो या दो से अधिक औषधों का प्रभाव व्यक्ति के शरीर तथा मस्तिष्क पर इतना समान होता है कि जैसे ही व्यक्ति में एक औषध के लिए सहनशीलता विकसित हो जाती है, उसमें दूसरे औषध के लिए अपने आप ही सहनशीलता विकसित हो जाती है। इस तरह की अवस्था को क्रॉस सहनशीलता कहा जाता है। ऐसी स्थिति में कोई एक औषध खाकर औषध के लेने से उत्पन्न प्रत्याहार लक्षण को कम किया जाता है। चूँकि एल्कोहल तथा चिंता-विरोधी औषध क्रॉस-सहनशील हैं, अतः एल्कोहल प्रत्याहार लक्षणों को कभी-कभी चिंता विरोधी औषधों का कुछ विटामिन के साथ उपयोग कर कम किया जा सकता है।

(2) साइनरजिस्टीक प्रभाव (Synergistic Effect ) - जब एक ही समय में कई तरह के औषध व्यक्ति के शरीर में मौजूद रहते हैं, तो वे एक-दूसरे के प्रभाव को मजबूत कर देते हैं। इस संयुक्त प्रभाव को साइनरजिस्टीक प्रभाव कहा जाता है। साइनरजिस्टीक प्रभाव हमेशा किसी एक औषध के कुल प्रभाव से कहीं अधिक होता है। साइनरजिस्टीक प्रभाव दो तरह के होते हैं। एक तरह का साइनरजिस्टीक प्रभाव वह होता है जिसमें दो या दो से अधिक लिए गए औषध का प्रभाव एक-दूसरे के समान होता है। मिलर तथा गोल्ड के अध्ययनों से स्पष्ट हुआ कि एल्कोहल, चिंता-विरोधी औषध, बारबिटरेट्स तथा स्वापक सभी का प्रभाव केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को मंदित करना होता है और यदि इनका उपयोग एक साथ किया जाए तो इसके कारण तंत्रिका तंत्र काफी गम्भीर रूप से मंदित हो सकता है और व्यक्ति में उच्च मात्रा में बेहोशी उत्पन्न हो सकती है या फिर व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है। इस तरह के साइनरजिस्टीक प्रभाव की कई दुःखदायी घटनाएँ घट चुकी हैं।

एक- दूसरे तरह का साइनरजिस्टीक प्रभाव तब उत्पन्न होता है जब लिए जाने वाले औषधों का प्रभाव एक-दूसरे के समान न होकर विपरीत होता है। जैसे उत्तेजक औषध, वारविटुरेट्स तथा एल्कोहल के विपरीत प्रभाव व्यक्ति में उत्पन्न करता है और एक साथ होने पर व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डालता है। जैसे, जो छात्र राज में अधिक जागकर अध्ययन करने के ख्याल से एम्फीटामान्इस लेते हैं जो एक तरह का उत्तेजक है और फिर नींद आने के ख्याल से वारविटुरेट्स लेते हैं, वे अज्ञानतावश अपने आप को काफी खतरनाक स्थिति में रखते हैं।

अतः औषधों के संयोजन का प्रभाव बहुत ही स्पष्ट होता है और जहाँ तक संभव हो इसके हानिकारक प्रभावों से बचने की पर्याप्त कोशिश करनी चाहिए।

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