बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शामक-निद्राजनक या चिंता-विरोधी सम्बद्ध विकृति के लक्षणों एवं कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
शामक - निद्राजनक औषध किसे कहते हैं? इससे होने वाले दुरुपयोग की व्याख्या कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. चिंता-विरोधी औषध किस प्रकार प्रभावी होती है?
2. बारबिटुरेंट्स पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
विरोधी सम्बद्ध विकृति
(Sedative-Hypnotic or Anxiolytic
Related Disorder)
शामक-निद्राजनक औषध से व्यक्ति में शिथिलीकरण तथा निद्रालुप्त उत्पन्न होता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की क्रिया को मंदित कर देता है। जब इसे कम मात्रा में लिया जाता है, तो इसका प्रभाव प्रशांत या उपशामक के समान होता है तथा जब इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है, तो इससे व्यक्ति को नींद आती है और इससे निद्राजनक (Hypnotics) स्थिति होती है। इस समूह के दो अधिक लोकप्रिय औषध हैं-
( 1 ) चिंता-विरोधी औषध
(2) बारबिटूरेट्स (Barbiturates)
चिंता-विरोधी औषध - इसे लघु प्रशांतक भी कहा जाता है, व्यक्ति को बिना निद्रालुता की अवस्था उत्पन्न किए ही इसे चिंता से मुक्त करता है। इस श्रेणी में सबसे प्रमुख औषध बेनजोडियाजेपाइनस (benzodiazepines) है जिसे 1950 वाले दशक में सर्वप्रथम बाजार में उपलब्ध कराया गया था। इस औषध का मनोवैज्ञानिक एवं दैहिक प्रभाव हल्का होता है तथा इसमें विषाक्तता नहीं होती है। जब इसका उपयोग चिकित्सकीय मात्रा में किया जाता है, तो इससे व्यक्ति में चिंता कम हो जाती है और उसका अन्य कोई प्रभाव व्यक्ति पर नहीं होता है। साधारण मात्रा में लेने पर उससे व्यक्ति में हल्का सुखदायी भाव तथा उत्तेजन का भाव उत्पन्न होता है। इसकी उच्च मात्रा में प्रयोग से किसी व्यक्ति की मृत्यु अब तक नहीं हुई है। हालांकि इसका एल्कोहल के साथ मिलकर उपयोग व्यक्ति के जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। चूँकि बेनजोडियाजेपाइन्स एक सुरक्षात्मक औषध है। अतः इसका उपयोग आम व्यक्ति तथा मेडिकल डॉक्टरों द्वारा अनिद्रा तथा चिंता के उपचार में काफी अधिक किया जाता है।
बारबिटुरेट्स को व्यक्ति सामान्यतः गोली या कैप्सूल के रूप में निगलकर शरीर के भीतर करता है कम मात्रा में इससे व्यक्ति में हल्का सुखाभास, सिर में हल्कापन तथा पेशीय समन्वय में थोडी कमी होती है। यदि यह उच्च मात्रा में लिया जाता है, तो इससे गम्भीर उन्मादन उत्पन्न हो जाता है, जिसमें चिंतन में कठिनाई, अस्पष्ट संभाषण, घटिया सूझ-बूझ एवं स्मृति, सांवेगिक अस्थिरता तथा आक्रमक व्यवहार मुख्य हैं। कभी-कभी व्यक्ति अपना होश- हवास खो देता है तथा उसकी श्वसन गति काफी धीमी पड़ जाती है।
हाल में किए गए शोधों से यह स्पष्ट हुआ है कि बारबिटुरेट्स दुरूपयोग निम्नांकित प्रकार के होते हैं-
(i) चिरकालिक उन्माद (Chronic intoxication) - प्रारम्भ में व्यक्ति इसका उपयोग अनिद्रा तथा चिंता को कम करने के लिए करता है और बाद में वह इसका व्यसनी बन जाता है। इसके चिरकालिक उपयोग से व्यक्ति में अस्पष्ट संभाषण तथा कार्य को करने की क्षमता में ह्रास आदि होता है।
(ii) प्रासंगिक उन्माद (Episodic intoxication) - इसका उपयोग व्यक्ति हल्का सुखाभास उत्पन्न करने के लिए करता है।
(iii) अन्तःशिरा इंजेक्शन (Introvenous injection) - इस तरह के उन्मादन में व्यक्ति बारबिटुरेट्स का अन्य औषध जैसे हेरोइन के साथ मिलकर शरीर के नश में इंजेक्शन लगाता है। इसका उपयोग यदि इस प्रकार से लम्बे समय तक किया जाता है, तो कई तरह की जटिलताएँ व्यक्ति में उत्पन्न हो जाती हैं।
शामक-निद्राजनक औषध में बारबिटुरेट्स दुरुपयोग से व्यक्ति में निर्भरता भी उत्पन्न हो जाती है। जो लोग इसका बहुत अधिक उपयोग करते हैं, उनमें इस औषध के लिए सहनशीलता बढ़ जाती है। अगर व्यक्ति औषध से परहेज करना प्रारम्भ करता है, तो उसमें प्रत्याहार लक्षण विकसित हो जाते हैं। जिसमें मतली का होना, कमजोरी, चिंता तथा विषाद का भाव तथा नींद से सम्बन्धित समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। बारबिटुरेट्स प्रत्याहार एक सबसे खतरनाक प्रत्याहार लक्षण है। क्योंकि कुछ बारबिटुरेट्स व्यसनी जब वे औषध से अपने को दूर रखते हैं, तो उनमें कम्पन उत्पन्न हो जाता है।
स्पष्ट हुआ कि शामक - निद्राजनक या चिंता विरोधी औषध से सम्बद्ध कई तरह की समस्याएँ हैं जिनमें औषध उन्मादन, औषध निर्भरता आदि प्रमुख हैं।
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