बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 इतिहास बीए सेमेस्टर-4 इतिहाससरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-4 इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
1947 के अंग्रेजी संसद द्वारा पारित भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक में, भारतीय रियासतों के विषय में ये प्रावधान थे – “सभी सन्धियाँ, समझौते इत्यादि जो महामहिम की सरकार तथा भारतीय रियासतों के प्रशासकों के बीच हैं, वे समाप्त हो जायेंगे।"
3 सितम्बर 1946 को बनी राष्ट्रीय अन्तरिम सरकार (National Provisional Government) में सरदार वल्लभ भाई पटेल को रियासतों का विभाग दिया गया था। उनके मुख्य सहायक वी.पी. मेनन थे।
सरदार पटेल तथा मेनन ने कुछ दबाव भी डाला, कुछ उनकी देशभक्ति को ललकारा और उन्हें कहा कि आप रक्षा, विदेशी मामले तथा संचार साधनों को भारतीय संघ को देकर अपने अस्तित्व को बनाये रखें। लार्ड लूई मांडटबैटन ने भी अपनी ओर से पटेल की नीति का समर्थन किया तथा सकारात्मक भूमिका निभाई। 15 अगस्त, 1947 तक केवल 136 क्षेत्राधिकारी (jurisdictional) रियासतों ने भारतीय संघ में सम्मिलित होना स्वीकार कर लिया था।
जम्मू तथा कश्मीर के महाराजा हरिसिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को और हैदराबाद के निजाम ने 26 अक्टूबर, 1948 को विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।
|