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बीए सेमेस्टर-4 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2742
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बीए सेमेस्टर-4 इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखे योग्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसम्बर, 1906 को ढाका में हुई थी।

'लॉयल मुस्लिम ऑफ इण्डिया' नामक पत्रिका सर सैय्यद अहमद खाँ द्वारा निकाला जाता था।

1888 ई. में 'संयुक्त भारतीय राजभक्त सभा' की स्थापना सर सैय्यद अहमद खाँ ने की थी।

'भारत के वफादार मुसलमान' नामक पुस्तक के लेखक सर सैय्यद अहमद खाँ थे।

सन् 1906 में मुस्लिम प्रतिनिधि मण्डल शिमला में लार्ड मिण्टों से मिला था।

सर सैय्यद अहमद खाँ अलीगढ़ मुस्लिम आन्दोलन के संचालक थे।

मुस्लिम लीग तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच 1916 ई. में समझौता हुआ था।

देशभक्त संगठन का निर्माण 1888 ई. में हुआ था।

मुस्लिम लीग ने 22 दिसम्बर, 1939 को मुक्ति दिवस मनाया था।

अंग्रेजों ने भारत में 'फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई थी।

मुस्लिम लीग का प्रथम अधिवेशन अमृतसर में हुआ था।

"मुसलमानों की अंग्रेजों से मित्रता स्थापित हो सकती है, लेकिन अन्य भारतीय सम्प्रदायों के साथ नहीं।" ये शब्द प्रिंसीपल बेक के हैं।

1915 ई. के मुस्लिम लीग के बम्बई अधिवेशन में महात्मा गाँधी, मदन मोहन मालवीय, सरोजनी नायडू आदि प्रमुख नेताओं ने भाग लिया था।

मोहम्मद एजुकेशन कांग्रेस के संस्थापक सर सैय्यद अहमद खाँ थे।

मुस्लिम लीग का प्रथम अधिवेशन 1908 ई. में हुआ था। भारत में साम्प्रदायिक राजनीति का जन्मदाता लार्ड मिण्टो था।

भारत में वहाबी आन्दोलन के नेता सर अहमद बरैलवी थे।

राजेन्द्र प्रसाद का कथन है कि- “पाकिस्तान के निर्माता कवि इकबाल या मिस्टर जिन्ना नहीं, वरन् लार्ड मिण्टो थे।"

'नाऊ और नेवर' नामक पुस्तक के लेखक चौधरी रहमत अली हैं।

चौधरी रहमत अली ने सर्वप्रथम 'पाकिस्तान' शब्द का उल्लेख किया था।

'अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का गठन 1919 ई. में हुआ था।

अंग्रेज इतिहासकार जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास का काल विभाजन धर्म के आधार पर किया है।

साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व की स्वीकृति 1909 ई. में मिली।

1927 ई. में मुस्लिम लीग में फूट पड़ी थी।

मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन 1980 ई. में पाकिस्तान का प्रस्ताव हुआ था।

"हम दर्द से छुटकारा पाने के लिए सर कटवाने के लिए तैयार हो गये!" यह शब्द जवाहरलाल नेहरु के हैं।

सर सैय्यद अहमद खाँ ईस्ट इण्डिया कम्पनी में लिपिक के पद पर कार्यरत थे।

'साइन्टिफिक सोसाइटी' की स्थापना सर सैय्यद अहमद खाँ ने की थी।

मुस्लिम लीग के संस्थापक अध्यक्ष सलीमुल्ला खाँ थे।

बंगाल विभाजन सन् 1911 ई. में रद्द हुआ था।

सन् 1928 में जिन्ना ने चौदह सूत्रीय रिपोर्ट पेश की थी।

“हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष धार्मिक नहीं वरन् आर्थिक था।” यह कथन अब्दुल गफ्फार खाँ का है।

हमें अंग्रेजों की ईमानदारी पर कोई सन्देह नहीं है, किन्तु उन लोगों की ईमानदारी पर शक है जो मुसलमानों को पाकिस्तान दिए बिना समझौते की बात करते हैं।" वह कथन मोहम्मद अली जिन्ना का है।

द्विराष्ट्र के सिद्धान्त के जन्मदाता मोहम्मद अली जिन्ना थे।

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