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बीए सेमेस्टर-4 हिन्दी

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2741
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 हिन्दी - सरल प्रश्नोत्तर

 

रमरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

 

 

 

अनुवाद तो एक भाषा से दूसरी भाषा में किया जाता है। यह दो भाषाओं के बीच होता है तो इसमें एकभाषी शब्दकोश की क्या जरूरत है या अनुवादक के लिए बहुभाषी शब्दकोश क्यों उपयोगी है?

 

शब्दों की परिभाषा और पर्याय / अर्थ एक ही भाषा में दिए जाते हैं। साधारणतः इन शब्दकोशों का संकलन उस भाषा विशेष के विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा किया जाता है जिसका यह परिणाम होता है कि अनुवादक को किसी भी शब्द के विश्वसनीय, उपयोगी, लगभग यथातथ्य अर्थ और भावानुवाद उपलब्ध हो जाते हैं।

 

एक भाषी शब्दकोश अनुवादक के लिए तब उपयोगी होता है जब स्रोत भाषा के किसी शब्द के लक्ष्य भाषा में दिए गए पर्यायों के बीच अर्थ का अंतर समझना हो। इससे अनुवादक को स्रोत भाषा को स्पष्ट रूप से समझने में मदद मिलती है।

 

एकभाषी शब्दकोश लेखक-केन्द्रित या पाठ आधारित भी हो सकते हैं। इस तरह का एक कोश है - 'ब्रजभाषा सूरकोश' लेखक-केन्द्रित शब्दकोश में किसी लेखक विशेष द्वारा प्रयोग किये गये शब्दों को संग्रहीत किया जाता है। ऐसे शब्दकोशों से भी अनुवादक को बहुत मदद मिलती है विशेष रूप से इसीलिए क्योंकि इनमें (किसी लेखक के संदर्भ में) शब्दों के निजी या विचलित प्रयोग भी मिल जाते हैं।

 

हिन्दी के एकभाषिक कोशों की जानकारी आपको होनी चाहिए, क्योंकि अक्सर आप किसी विदेशी भाषा, मुख्यतः अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद करते हैं।

 

अनुवादक को द्विभाषी शब्दकोश की विशेष आवश्यकता होती है। यह अनुवाद का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है जिसकी मदद से वह लक्ष्य भाषा में उपयुक्त शब्दों का चयन कर सकता है।

 

स्त्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा के द्विभाषी शब्दकोश से अनुवादक का समय भी बचता है । स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा के बीच यह पुल का काम करते हैं। मान लीजिए अनुवादक बांग्ला से हिन्दी में अनुवाद कर रहा है तो उसके लिए बांग्ला -हिन्दी शब्दकोश नितांत आवश्यक है। इसी तरह अंग्रेजी से हिंदी के अनुवादक के लिए अच्छा अंग्रेजी-हिन्दी शब्दकोश अनिवार्य उपकरण है।

 

अंग्रेजी-हिन्दी के कई शब्दकोश उपलब्ध हैं। उनमें से कौन-सा बेहतर है तथा किस उद्देश्य के लिए कौन-सा देखा जाए यह अनुवादक को मालूम होना चाहिए। उसे यह भी अच्छी तरह पता होना चाहिए कि किसी भी शब्द को कोश में कहाँ ढूंढा जाए।

 

अनुवादक के पास शब्दकोश होना मात्र पर्याप्त नहीं है। उसे कोश का उपयोग आना चाहिए। साथ ही उसे कोश देखने का आलस नहीं करना चाहिए। जिन शब्दों के अर्थ उसे नहीं आते उनके लिए तो वह कोश देखता ही है, अनुवाद सीखने की प्रक्रिया में उसे उन शब्दों के लिए भी कोश देखने की आदत डालनी चाहिए जिनका अर्थ उसे पता है।

 

आपके मन में सहज सवाल उठ सकता है भला इसकी क्या जरूरत? जब अर्थ पता है तो कोश क्यों देखा जाए। वास्तव में यही अच्छा अनुवादक बनने की कुंजी है। मान लीजिए आप जानते हैं कि reference का अर्थ संदर्भ होता है तो यदि आप कोश नही देखते तो हमेशा reference का सही अनुवाद नहीं कर सकेंगे। जैसे, यदि कहा गया है terms of reference का अर्थ है - किसी बैठक आदि में 'विचारणीय विषय। '

 

इसी तरह एक शब्द के अनेक पर्यायों में से कौन-सा चुना जाए यह भी आपको तभी आएगा जब शब्द कोश देखकर उसके विभिन्न पर्याय पता लगाएँगे और विचार करेंगे कि विषय, संदर्भ और प्रसंग की दृष्टि से कौन-सा पर्याय उपयुक्त होगा।

 

इसके अलावा भारतीय भाषाओं के बीच बहुत सी ऐसी शब्दावली है जो संस्कृत स्रोतों से आई है, किन्तु भिन्न-भिन्न भाषाओं में अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होती है। उदाहरण के लिए हिन्दी में 'सत्कार' का अर्थ होता है 'आतिथ्य' जबकि बांग्ला में इसका अर्थ होता है 'अंतिम संस्कार'।

 

आप यदि बांग्ला-हिन्दी कोश न देखकर अपनी पूर्व जानकारी का सहारा लेंगे तो भयंकर भूल कर देंगे। अच्छे शब्दकोशों में बोलचाल के शब्द और उनके अनुवाद भी दिये जाते हैं। इनसे अनुवादक को स्रोत भाषा के चलते हुए स्वरूप को समझने में सहायता मिलती है।

 

कोश में शब्द विशेष से बनने वाले शब्दों को भी शामिल किया जाता है, उनके पर्याय भी दिए जाते हैं। उनके व्याकरणिक रूप का उल्लेख होता है और उससे निर्मित व्याकरणिक रूप रचना का भी। जैसे एक संज्ञा शब्द beauty अब इससे विशेषण बना beautiful, क्रिया बनी beautify और beautify से फिर संज्ञा बनी beautification  अंग्रेजी-हिन्दी कोश में इसकी रूप रचना के साथ-साथ सभी व्याकरणिक रूपों के हिन्दी पर्याय (क्रमशः सौंदर्य / सुंदरता, सुंदर, सुंदर बनाना; और सौंदर्यीकरण) भी दिए जाते हैं।

 

सामान्य शब्दकोशों में एकभाषी या द्विभाषी शब्दकोशों में सामान्य तकनीकी और वैज्ञानिक शब्दावली को भी शामिल किया जाता है। इनके अतिरिक्त कुछ विशेष शब्दकोश ऐसे हैं जो एक खास क्षेत्र से जुड़े हुए शब्दों की जानकारी देते हैं। ऐसे शब्दकोश व्यावसायिक अनुवाद के लिए बहुत मददगार साबित होते हैं।

 

विशेष विषयगत शब्दकोश शब्दों का वह संकलन है जो किसी विशेष क्षेत्र पर केन्द्रित होता है। इसके तीन प्रकार हैं - बहुक्षेत्रीय जो कई शब्दार्थ क्षेत्रों को सम्मिलित करता है, एक ही विषय पर केन्द्रित जैसे कि विधि-केन्द्रित या मानविकी केन्द्रत।

 

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