बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
घर या मकान के लिए पहली अनिवार्यता भूखण्ड की होती है।
एक बार भूखण्ड क्रय करके मकान बनवा लेने के बाद उसमें बदलाव कर पाना मुश्किल होता है। अतः मकान खरीदते या बनवाते समय भूखण्ड के चयन में निम्न बातों का ध्यान आवश्यक रखना चाहिए-
1. परिवार की वर्तमान तथा भावी आवश्यकतायें
2. शैक्षिक सुविधाओं तथा विशेषताओं का ध्यान
3. स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं का ध्यान
4. सार्वजनिक सुविधाओं का ध्यान
5. यातायात सम्बन्धी सुविधाओं का ध्यान
6. परिवार की आवश्यक आवश्यकताओं का ध्यान
7. मितव्ययिता का ध्यान 8. भूखण्ड या मकान के कानूनी पक्षों का ध्यान।
भूखण्ड के चुनाव में सदैव परिवार की वर्तमान एवं भावी आवश्यकताओं को सर्वोपरि महत्त्व देना चाहिए क्योंकि परिवार की अवस्था, आर्थिक स्थिति एवं महत्त्वाकांक्षाओं में सदैव बदलाव आता रहता है।
बड़े आकार वाले परिवारों के लिए बड़ा भूखण्ड आवश्यक होता है, क्योंकि सदस्यों की संख्याओं से परिवार की क्रियाओं की संख्या भी बढ़ती है।
परिवार में पुरुषों की संख्या अधिक होने पर भविष्य में परिवार बढ़ता हैं जबकि लड़कियों की संख्या अधिक होने पर परिवार घटता है।
परिवार की आर्थिक दशा भी भूखण्ड के चुनाव को प्रभावित करती हैं। भूखण्ड का आकार तथा स्थिति के अनुसार ही उसका मूल्य होता है और परिवार अपनी आय के अनुसार ही मूल्य चुका सकता है।
परिवार के जीवन-चक्र की अवस्था बदलते रहने से उसकी क्रियायें एवं आवश्यकतायें भी बदलती. रहती हैं। अतः आरम्भिक एवं घटने वाली दशा में छोटा भूखण्ड वांछनीय होता है, जबकि बढ़ने वाली अवस्था में बड़े भूखण्ड की आवश्यकता होती है।
यदि परिवार की योजना घर में ही ऑफिस, क्लीनिक, चेम्बर, कॉल सेंटर आदि भविष्य में खोलना हो तो भूखण्ड का आकार उसके अनुसार होना चाहिए।
यदि व्यक्ति के व्यवसाय की प्रकृति जैसी कि नौकरी ऐसी है जिसमें बार-बार स्थानान्तरण होता रहता है तो यह भी भूखण्ड के चुनाव को प्रभावित करता है।
स्थायी निवास करने वाला व्यक्ति भूखण्ड की वर्तमान स्थिति में आँकता है जब कि स्थानान्तरण नौकरी वाला व्यक्ति भूखण्ड को भविष्य एवं उसके किराया मूल्य को आँककर ही भूखण्ड का चयन करता है।
भूखण्ड के आस-पास का क्षेत्र मनोहारी एवं स्वास्थ्यप्रद होना चाहिए।
आवास घनी आबादी से दूर शान्त क्षेत्र में होना चाहिए जहाँ पर धूप और स्वच्छ हवा भली प्रकार से मिलती हो।
आवास स्थल के आस-पास ऊँचे-ऊँचे व्यावसायिक या आवासीय भवन न हो अन्यथा सूर्य के प्रकाश तथा वायु का मार्ग अवरुद्ध हो जायेगा।
सौन्दर्य एवं उपयोगिता दोनों की दृष्टि से आस-पास बगीचों, वृक्षों, झील आदि का होना अति उत्तम है।
तालाब, नदी, समुद्र या झील के आस-पास का क्षेत्र शान्त एवं स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। अतः आवास के प्रयोजन के लिए उत्तम होता है। ऐसे स्थान की हवा भी प्रदूषण रहित होती है।
रेतीली भूमि से पानी रिसकर नीचे की तहों में चला जाता है, अतः शीलन का भय न रहने के कारण ऐसी जगह पर बना मकान उत्तम माना जाता है। परन्तु ऐसी भूमि में बने मकान की नींव गहरी होनी चाहिए।
कँकरीली और पथरीली भूमि पर मकान नहीं बनवाना चाहिए।
वह भूमि जो कूड़ा-करकट, मल-मूत्र आदि से भरे गड्ढों से ढँककर बनी हो उस पर मकान बनवाना सर्वथा अनुपयुक्त होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी और मजबूती की दृष्टि से भी।
स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रश्नों में सबसे महत्त्वपूर्ण यह देखना है कि मकान औद्योगिक क्षेत्र में न हो अन्यथा उद्योगों की चिमनियों से निकली गैस तथा धुंआ स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
भूखण्ड ऐसा हो जहाँ पर गंदे पानी के निष्कासन की भी समुचित व्यवस्था हो। अतः भूमिगत नालियों या पक्की नालियों का भी होना आवश्यक है।
यदि आस-पास गंदा नाला हो तो वहाँ मकान नहीं बनवाना चाहिए।
पशुशाला, कोयले या ईंट के भट्टे, चमड़े के कारखाने के आस-पास का वातावरण काफी प्रदूषित होता है, अतः ऐसी जगह पर मकान नहीं बनवाना चाहिए।
मकान के पास सार्वजनिक सुविधायें भी होनी चाहिए। विद्यालय, अस्पताल, बैंक, ए.टी.एम., डाकघर, मनोरंजन पार्क यदि पास हों तो उत्तम होगा।'
कार्यस्थल से भी आवास अधिक दूर नहीं होना चाहिए।
बस अड्डा, रेलवे स्टेशन आवास से अधिक दूर नहीं होना चाहिए वरना फालतू पैसे खर्च करने पड़ेंगे। यदि सीमित आय में आवास व्यवस्था जुटानी हो तो मितव्ययिता का सहारा लेना होगा। यथा-
1. भूखण्ड या आवास छोटा हो ताकि उसके ऊपर व्यय कम हो।
2. यदि भवन एक मंजिला हो तो पूरा ढाँचा आर.सी.सी. का देना आवश्यक नहीं होगा।
3. टाइल्स की नींव दी आज सकती है।
4. अलंकरण व्यवस्था कम से कम हो।
5. बरामदा, लॉबी आदि कम दी जाये।
6. छूट की ऊँचाई कम रखकर भी व्यय कम किया जा सकता है।
7. कक्षों में परिवर्तनशीलता भी मितव्ययिता का एक तरीका है।
8. बड़े कमरों में पार्टीशन रखकर आवश्यकतानुसार व्यय में कटौती की जा सकती है।
आवास अथवा भूखण्ड लेते समय उसके विविध कानूनी पक्षों का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
|