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बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2740
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

 

फर्नीचर रहित खाली घर में कार्यकारिता का अभाव होता है जो कि वर्तमान समय में गृह सज्जा का मुख्य उद्देश्य है।

फर्नीचर ऐसी वस्तुयें हैं जिन्हें हम बैठने, सोने, पढ़ने-लिखने एवं संग्रह हेतु उपयोग में लाते हैं। फर्नीचर का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया गया है। यथा-

1. कीमत
2. सामग्री
3. शैली

सस्ते फर्नीचर में लकड़ी का फर्नीचर आता है जो निम्न आय वर्गीय परिवारों के घरों में प्रयुक्त होता है।

‘सेकेण्ड हैण्ड फर्नीचर भी कम कीमतों में दुकानों पर उपलब्ध होते हैं।

मध्यम कीमत में देशीय (परम्परागत) और आधुनिक दोनों प्रकार के फर्नीचर उपलब्ध होते है।

ओक, पाइन, मेपल गोंद आदि की लकड़ियों के फर्नीचर आकर्षक, मजबूत एवं आराम दायक भी होते हैं। परन्तु इनमें महँगी लकड़ी या महँगी तकनीक जैसी नक्काशी आदि का उपयोग समान्य तौर पर नहीं होता। मध्यम कीमत में अच्छे डिजाइन के आधुनिक फर्नीचर भी उपलब्ध होते हैं। उच्च कीमत के फर्नीचर अच्छी तरह से सज्जित और मजबूत बनावट के होते हैं। ऐसे फर्नीचरों में सामान्यतः महोगनी एवं अखरोट की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।

इस वर्ग में अच्छी लकड़ी, प्लास्टिक या धातु के फर्नीचर आते हैं जिनकी डिजाइन प्रसिद्ध नमूनेकारों द्वारा बनायी गयी होती है।

धातु का फर्नीचर कई दृष्टियों से संतोषजनक होता है क्योंकि यह अग्नि अवरोधक, मजबूत वजन में हल्का, शुष्क एवं कृत्रिम ऊष्मा से अप्रभावित रहता हैं।

वर्तमान समय में धातु के फर्नीचरों का उपयोग मुख्यतः ऑफिस, प्रतीक्षालयों, पोर्चों तथा आधुनिक घरों में होता है।

आधुनिक समय में बेंत का फर्नीचर भी काफी प्रचलित है। इसकी डिजाइन भी सुन्दर होती है और यह हल्का भी होता है परन्तु ये सामान्य लकड़ी की अपेक्षा अधिक महँगे एवं कम मजबूत होते हैं जिसके कारण ये निम्न आय वर्ग की पहुँच के बाहर होते हैं।

फर्नीचर के पदार्थों में प्लास्टिक आधुनिकतम् एवं रुचिप्रद पदार्थ है।

क्रियात्मक रूप से प्लास्टिक के फर्नीचर बिल्कुल सही होते हैं क्योंकि यह व्यावहारिक रूप से न टूटने वाले, घिसावट अवरोधक और खरोंच अवरोधक भी होते हैं।

प्लास्टिक के फर्नीचरों को आसानी से साफ भी किया जा सकता है और ये देखभाल में भी हल्के होते हैं।

नमूनेकारी की दृष्टि से भी प्लास्टिक एक उपयोगी पदार्थ है क्योकि इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है, मोड़ा जा सकता हैं और काटा भी जा सकता है।

यद्यपि काँच का पूर्ण फर्नीचर बनाया जाना संभव नहीं होता फिर भी टेबल के टाप, आलमारी के दरवाजे, डाइनिंग टेबल आदि काँच के या मिश्रित काँच के बनाये जाते हैं।

काँच यद्यपि देखने में सुन्दर होता है लेकिन आसानी से टूट भी जाता है।

महँगे फर्नीचरों में सुन्दरता बढ़ाने हेतु की कांच का उपयोग किया जाता है।

काँच के फर्नीचर विभिन्न रंगों और डिजाइनों में भी उपलब्ध होते हैं। यह वजन में हल्का, छूने में कोमल तथा आसानी से साफ भी हो जाता है।

प्राचीन समय के फर्नीचर को यदि उनके मौलिक रूप में उपयोग में लाया जाता है तो पारम्परिक शैली के फर्नीचर या रीतिकालीन फर्नीचर कहलाते हैं।

पारम्परिक शैली के फर्नीचर पुराने मकानों या संग्रहालयों में सुरक्षित रहते हैं।

परम्परागत शैली के फर्नीचर का ऐतिहासिक एवं सौन्दर्यात्मक महत्त्व होता है।

उच्च कोटि के मौलिक परम्परागत फर्नीचर महँगे होते हैं और इनका चयन कर पाना भी कठिन होता है क्योंकि कई बार बाजार में परम्परागत फर्नीचर बड़े, नक्काशीदार व लकड़ी के बने होते हैं।

देशीय शैली का विकास नगरों से दूर के वातावरण में होता है। यह ग्रामीन जन-जीवन और शैली से प्रभावित होता है। इसकी विशेषता सादापन लिये, आरामदायक, क्रियात्मक एवं मितव्ययितापूर्ण होती है। वस्तुतः ऐसे घर जो देशीय शैली में बने होते हैं उनमें देशीय फर्नीचर अनौपचारिक एवं मित्रतापूर्ण होते हैं।

देशीय फर्नीचरों के अन्तर्गत बेंत के फर्नीचर, लकड़ी के फर्नीचर तथा हल्के एवं मजबूत फर्नीचर आते हैं जिसमें दिखावा कम और सादगी एवं टिकाऊपन ज्यादा होता है।

बिल्कुल आधुनिक पदार्थो एवं तकनीक द्वारा बनवाये गये फर्नीचर आधुनिक शैली के फर्नीचर कहलाते हैं। इस श्रेणी में प्लास्टिक के फर्नीचर, स्टील एवं धातु के फर्नीचर, फोम के गद्देदार फर्नीचर और बेंत के फर्नीचर आते हैं।

आधुनिक शैली के फर्नीचर मजबूत, आकर्षक, आरामदायक, क्रियात्मक तथा विभिन्न श्रेणियों एवं कीमतों में उपलब्ध होते है। बहुत सारे फर्नीचर ऐसी जगह पर होते है जहाँ पर गृहिणियाँ मेकअप आदि करती हैं और उनके तमाम बाल वहाँ पर गिरे होते है जो कभी-कभी हमारे लिए शर्मिन्दगी की कारण बन जाते हैं। ऐसे में बालों को झड़ने से बचाने के लिए तथा उन्हें घना, मजबूत, लम्बा और आकर्षक बनाने के लिए आप फोन नम्बर 09648858101 पर कॉल कर सकते हैं जहाँ पर आपके बालों और चेहरे से संबंधित सभी समस्याओं का निवारण देशी जड़ी-बूटियों से बनी हानिरहित दवाओं द्वारा किया जाता है। इस सेंटर पर पाइल्स, शुगर, मोटापे, सदा बना रहने वाले जुकान आदि का भी सस्ता, सरल और प्रभावकारी इलाज देशी जड़ी-बूटियों की दवाओं से किया जाता है। ये दवायें पूर्णतः दुष्प्रभावरहित तथा अँग्रेजी दवाओं के साथ भी ली जा सकती हैं।

फर्नीचर का चुनाव अभिव्यक्ति, शैली, सुन्दरता, टिकाऊपन, उपयोगिता और उसकी आरामदायकता आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है।

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