बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 5
घर की सजावट
(Home Decors)
फर्नीचर का तात्पर्य उन सामानों से होता है जो लकड़ी, धातु या अन्य पदार्थों से बना हो और सोने, बैठने, कार्य करने, सामान रखने आदि के कामों में आता है परन्तु आजकल प्लास्टिक युग है और प्लास्टिक के भी नाना भांति के फर्नीचर बाजार में उपलब्ध हैं। मेज, कुर्सी, सोफा, तिपाई, चरपाई, पलंग, चौकी, आलमारी आदि को फर्नीचर का श्रेणी में रखा जाता है। इस पर फर्नीचर घर की आवश्यकता है जो घर की क्रियाशीलता बढ़ाने, सुविधा प्रदान करने और गृह सज्जा के लिए प्रयोग में लाया जाता है। सामान्यतः प्रत्येक परिवार अपने सामर्थ्य तथा आवश्यकता के अनुसार अपने घरो में फर्नीचर की व्यवस्था करता है।
आज फर्नीचर का महत्त्व केवल गृह सज्जा के दृष्टिकोण से ही नहीं है बल्कि ये कई अन्य प्रकार से भी उपयोगी हैं जिसके कारण फर्नीचर का महत्त्व मानवजीवन में बढ़ता जा रहा है। फर्नीचर सामान्यतः हमारे लिए कई प्रकार से उपयोगी हैं - यथा - हमारे रहन-सहन को सुविधाजनक बनाना, सज्जा के दृष्टिकोण से, संग्रहण के दृष्टिकोण से, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, कार्य क्षमता बढ़ाने के दृष्टिकोण से तथा समय एवं शक्ति के बचत के दृष्टिकोण से भी उपयोगी है। फर्नीचर अनेक प्रकार के भी होते है विशेषकर आज के प्रगति और भौतिकवादी युग में बाजार में नाना प्रकार के फर्नीचर उपलब्ध हैं यथा - लकड़ी के फर्नीचर, धातुओं से बने फर्नीचर, बेंत कें फर्नीचर, प्लास्टिक के फर्नीचर, काँच के फर्नीचर, गद्देदार फर्नीचर आदि बनावट के आधार के अलावा शैली के आधार पर भी फर्नीचरों को कई भागों में बाँटा गया है यथा— पारम्परिक शैली के फर्नीचर, देशी शैली के फर्नीचर, आधुनिक शैली के फर्नीचर। इस प्रकार आज अनेक प्रकार के फर्नीचर उपलब्ध हैं जो हमें भ्रमित करते हैं और कई बार लोग अपनी आवश्यकता से इतने फर्नीचर खरीद लेते हैं, जिसका बाद में कोई सही उपयोग नहीं हो पाता। अतः नया फर्नीचर खरीदते समय अपने परिवार के बजट, जिस स्थान के लिए फर्नीचर खरीदना हो उस स्थान के लिए फर्नीचर की डिजाइन, शैली, स्थान की उपलब्धता, फर्नीचर के टिकाऊपन, फैशन आदि को ध्यान में रखकर ही फर्नीचर खरीदना चाहिए।
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