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बीए सेमेस्टर-4 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2737
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

परिवहन के भौगोलिक अध्ययन में परिवहन के स्थानीयकरण, विकास में परिवहन की कार्यशीलता तथा परिवहन के कृषि, उद्योग, जनसंख्या एवं संसाधनों से सम्बन्ध का विश्लेषण किया जाता है।

परिवहन का उत्पादन वस्तुओं एवं व्यक्तियों के आवागमन के रूप में होता है।

यह उत्पादन अनवरत होता रहा है तथा उत्पादन एवं उपभोग की प्रक्रिया साथ-साथ चलती रहती है।

इसमें किसी प्रकार की कच्ची सामग्री की आवश्यकता नहीं होती।

परिवहन उत्पादन की कीमत माल या व्यक्ति के भाड़े के रूप में मिलती है।

परिवहन साधनों का वितरण रैखिक होता है अतः यह उद्योग आदि से मूलतः भिन्न प्रकार का उत्पादन है।

परिवहन एवं अन्य सभी प्रकार के उत्पादनों में सार्वभौमिक तकनीकी सम्बन्ध होता है।

परिवहन में प्राकृतिक अथवा कृत्रिम मार्गों के लिए प्राकृतिक भौगोलिक वातावरण के विशेष तत्वों का विशेष प्रकार का उपयोग होता है। परिवहन विभिन्न प्रदेशों के आर्थिक सम्बन्धों को व्यक्त करता है।

विभिन्न प्रदेशों के आर्थिक सम्बन्धों के प्रतिरूप के अनुसार ही परिवहन होता है।

दो प्रदेशों के बीच परिवहन तभी होगा जब किसी वस्तु या वस्तुओं के लिए प्रदेश में माँग हो। परिवहन के लिए दो देशों के बीच विशिष्ट परिपूरकता के अतिरिक्त किसी मध्यवर्ती आपूर्ति स्रोत का अभाव भी अनिवार्य तत्व है।

विशिष्ट परिपूरकता तथा मध्यवर्ती आपूर्ति स्रोत का अभाव होने पर भी दो प्रदेशों के बीच परिवहन सम्बन्ध स्थापित नहीं होगा।

दो देशों के बीच परिवहन सम्बन्ध परिवहन के विभिन्नन माध्यमों में से किसी भी माध्यम के द्वारा स्थापित हो सकता है

विभिन्न काल एवं क्षेत्रों में परिवहन के अनेक माध्यम मिलते हैं।

प्राचीन काल में मनुष्य एवं पशु परिवहन के माध्यम थे।

वर्तमान में परिवहन के प्रमुखतः चार माध्यम हैं—– जल परिवहन, रेलमार्ग, सड़कें तथा वायुयान।

विश्व स्तर पर सामुद्रिक जल परिवहन में विशाल जलपोतों द्वारा प्रायः सम्पूर्ण माल ढोया जाता है।

वायुयानों द्वारा यद्यपि माल परिवहन अभी बहुत कम होता है किन्तु यात्रियों के लिए वायुयान का महत्व दिनानुदिन बढ़ता जा रहा है।

आन्तरिक जल परिवहन का महत्व उन देशों में ज्यादा है जहाँ जल परिवहन के लिए उपयुक्त नौगम्य नदियाँ हैं।

विश्व में भारी एवं कम मूल्य वाली वस्तुओं का देशान्तरिक परिवहन अधिकांशतः, रेलों द्वारा होता है।

रेल परिवहन में जल परिवहन की अपेक्षा ज्यादा लागत पड़ती परन्तु गति तीव्र होती है। रेलमार्गों द्वारा अधिक दूर का तथा बड़ी मात्रा में ही माल परिवहन अधिक लाभदायक होता है।

रेलमार्गों के निर्माण में अधिक पूँजी विनियोग की आवश्यकता पड़ती है।

वर्तमान में कई देशों में जहाँ सड़कों का घना जाल बिछ गया है, रेल की अपेक्षा सड़क परिवहन का महत्व बढ़ता जा रहा है।

देशान्तरिक परिवहन में वायुयानों का ज्यादा महत्व विशेषकर यात्री परिवहन के लिए, अधिक विकसित देशों में ही है।

वायुयान परिवहन अत्यधिक द्रुत होने के साथ ही अधिक खर्चीला भी पड़ता है।

अनिर्धारित मार्गों एवं बन्दरगाहों से गुजरने वाले पोतों को ट्रैम्प जलपोत कहा जाता है

वर्तमान में दस लाख ग्रास टन या उससे बड़े पोतों का निर्माण हो गया है।

उत्तरी अटलांटिक जलमार्ग सबसे महत्वपूर्ण सामुद्रिक जलमार्ग है।

वर्तमान में पश्चिमी यूरोप - भूमध्य सागर - हिन्द महासागर जलमार्ग सर्वाधिक महत्वपूर्ण सामुद्रिक जलमार्ग है।

यह जल मार्ग स्वेज नहर, लाल सागर तथा हिन्द महासागर द्वारा पश्चिमी यूरोप, पूर्वी M अफ्रीका एवं पूर्वी एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैण्ड को सम्बन्धित करता है।

केप आफ गुड होप द्वारा प. यूरोप एवं पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी अफ्रीका, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैण्ड सम्बन्धित हैं।

यह मार्ग अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है क्योंकि स्वेज नहर की भारी कर जहाजों को नहीं चुकाना पड़ता है।

मैक्सिको की खाड़ी से पूर्वी संयुक्त राज्य, मध्य अमेरिका तथा कैरीबियन देशों के मध्य परिवहन करने वाले जलपोत चलते हैं।

संसार में आन्तरिक जलमार्गों के वितरण में बड़ी विषमता पायी जाती है।

आन्तरिक जलमार्गों का परिवहन के लिए अधिक उपयोग अधिकांशतः बड़े या समुन्नत देशों— यू. एस. ए., यूरोप तथा पूर्वी चीन में होता है।

विश्व के अन्य भागों का उपयोग सीमित रूप में स्थानीय परिवहन के लिए होता है। विश्व में सर्वाधिक विस्तृत रेलमार्ग-जाल संयुक्त राज्य अमेरिका में मिलता है जहाँ विश्व के सम्पूर्ण रेलमार्ग का लगभग 30% है।

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