बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 भूगोल बीए सेमेस्टर-4 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
किसी एक वस्तु का रूप, आकार, रंग बदलकर दूसरी वस्तु का निर्माण किया जाता है, जैसे- रुई के रूप को बदल कर कपड़ा का निर्माण करना।
निर्माण के द्वारा वस्तु या पदार्थ का उपयोग बदल दिया जाता है, जैसे खेत में उगाये गये गन्ने को निर्माण के द्वारा चीनी के रूप में परिवर्तित करना।
"संसाधन वह प्राकृतिक तथा मानवीय सम्पदा है, जिसका उपयोग मनुष्य अपनी आवश्यकताओं तथा इच्छाओं की पूर्ति के लिए करता है।"
जिम्मरमैन महोदय ने संसाधन की अवधारणा स्पष्ट करते हुए तीन तत्वों को महत्व दिया है-
1. वह जिस पर मनुष्य निर्भर हो,
2. वह जिससे मनुष्य की इच्छा पूर्ति हो,
3. मनुष्य में अवसर का लाभ उठाने की शारीरिक व बौद्धिक क्षमता हो।
संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे माल की प्राप्ति बड़ी आसानी से हो जाती है। यहाँ धातु के लिए कच्चा लोहा बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
कच्चे लोहे को गलाने के लिए कोयला बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में गली हुई धातु को साफ करने के लिए चूना और डोलोमाइट पत्थर आसानी से उपलब्ध होते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में परिवहन के साधनों का समुचित विकास हुआ है जिससे इस उद्योग को स्थापित करने में सहायता प्राप्त होती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में इस उद्योग की प्रगति का दूसरा पहलू यह भी है कि यहाँ झीलों के दक्षिण व पूर्व में स्थित विशाल मैदानों में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसों के भण्डार भरे पड़े हैं। जबकि इस प्रकार की सुविधाएँ विश्व के किसी भी देश में नहीं पायी जाती है। अतः इस भाग में विश्व की सबसे अधिक उत्पादन की क्षमता इस क्षेत्र में पायी जाती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्तम कोयला व उत्तम लोहे के भण्डार, सस्ते जल यातायात के साधन, स्थानीय माँग के केन्द्र, पर्यात (कुशल श्रमिक एवं अन्य ऊर्जा के भण्डारों) व जलविद्युत की सुविधा के कारण यहाँ पाँच क्षेत्र लौह-इस्पात उत्पादन में अग्रणी हैं।
पिटसबर्ग यंगस्टाउन क्षेत्र उत्तरी अपलेशियन क्षेत्र में स्थित है। यह विश्व का सबसे बड़ा लोहा-इस्पात केन्द्र है। इस क्षेत्र को लोहा-इस्पात उत्पादन की सभी सुविधायें जैसे- कच्चा माल (अलेशियन क्षेत्र से), परिवहन, पूँजी आदि उपलब्ध है। इस क्षेत्र से इस देश का लगभग 28% लोहा-इस्पात तैयार किया जाता है। यहाँ स्थानीय बाजार में इसकी माँग अधिक रहती है।
शिकागो-गारी क्षेत्र मिशीगन झील के दक्षिण में स्थित है। यह क्षेत्र संयुक्त राज्य अमेरिका का 26% लोहा - इस्पात पैदा करता है और उपभोग करता है। यह क्षेत्र जल यातायात की सुविधा के कारण विशेष क्षेत्र है।
इसी झील क्षेत्र बफैलों से टोलेडो और डेट्रायट तक फैला है। यह क्षेत्र इस देश का 6% लोहा इस्पात पैदा करता है।
पूर्वी समुद्रतटीय प्रदेश में संयुक्त राज्य अमेरिका का 16% लोहा-इस्पात पैदा किया जाता है। इस क्षेत्र में स्पैरोवाइन्ट में आधुनिकतम विधि पर आधारित इस्पात कारखाना लगाया गया है।
कच्चे लोहे का आयात स्वीडेन, चिली आदि से किया जाता है।
कोयला पेंसिलवानिया क्षेत्र से प्राप्त होता है।
बोस्टन में स्थानीय बाजार व तटीय स्थिति के कारण निर्यात की सुविधा है।
औद्योगिक प्रदेश में निम्नलिखित विशेषतायें पायी जाती हैं-
1. उद्योगों की संख्या उद्योगों की प्रधानता की सूचक होती है।
2. औद्योगीकरण तथा नगरीकरण का गहरा सम्बन्ध होता है।
3. अधिकांश जनसंख्या नगरों में रहती है।
औद्योगिक प्रदेशों की सीमाओं का निर्धारण, मुख्यतः औद्योगीकरण की मात्रा एवं क्षेत्रीय विस्तार के आधार पर होता है। अतः औद्योगिक प्रदेश के सीमांकन के निम्नलिखित आधार हैं-
1. कारखानों की संख्या।
2. उत्पादित वस्तु के मूल्य में से कच्चे माल का मूल्य घटाकर उत्पादन प्रक्रिया जन्य मूल्य वृद्धि ज्ञात करना।
3. कर्मचारियों की संख्या।
4. उत्पादन में लगे व्यक्तियों की संख्या।
5. औद्योगिक कार्यों में लगी जनसंख्या का कुल जनसंख्या से अनुपात।
6. शक्ति के साधनों की मात्रा।
7. कुल औद्योगिक उत्पादन।
8. कच्चा माल, श्रम पूँजी कुल उत्पादन के आँकड़े।
सूती वस्त्र निर्माण में पाँच प्रक्रम होते हैं-
1. कपास को ओटना जिसमें बिनौला और रेशा (रुई) अलग होते हैं।
2. रुई को धुनना,
3. धुनी हुई रुई को कातना, जिससे सूती धागा बनता है।
4. बुनना,
5. बुने हुये वस्त्रों की धुलाई, रंगाई, छपाई आदि करना।
जापान ने लोहा इस्पात का पहला कारखाना 1901 में | यूशू द्वीप के यावता नगर में 'इम्पीरियल स्टील वर्क्स, यावता' (Imperial Steel Works, Yawta) में स्थापित किया, जापान के सबसे बड़े कोयला उत्पादक क्षेत्र के निकट है।
भारत में चीनी का मुख्य स्रोत गन्ना है। चीनी के उत्पादन की दृष्टि से क्यूबा के बाद भारत का दूसरा स्थान है जबकि गन्ने के उत्पादन की दृष्टि से विश्व में प्रथम स्थान है। यह उद्योग 2.86 लाख लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
दक्षिण भारत में जलवायु उष्ण तथा आर्द्र रहने के कारण गन्ने की पिराई लम्बे समय तक होती रहती है।
समुद्री जलवायु के कारण यहाँ का गन्ना मोटा तथा अधिक रस एवं मिठास वाला होता है।
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