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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा और योग

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2735
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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा और योग - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 10शारीरिक शिक्षा में मनोरंजन : अर्थ,
परिभाषा, क्षेत्र, महत्त्व, सामान्य सिद्धान्त, मनोरंजक
गतिविधियों के प्रकार, एरोबिक्स तथा जुम्बा
(Recreation in Physical Education: Meaning,
Definition, Scope, Importance, General Principles,
Types of Recreational Activities, Aerobics and Zumba)

मनोरंजन का अर्थ
(Meaning of Recreation)

मनोरंजन विभिन्न व्यक्ति विशेषों के लिए अलग-अलग अर्थ रखता है। यह गतिविधियों की विशाल किस्मों पर लागू होता है। कभी-कभी यह वाक्य जवान लोगों एवं वयस्कों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों और नौजवान युवकों की गतिविधियों में भेद करता है। क्योंकि शब्दों के उपयोग का यह परिवर्तन स्पष्ट रूप से समझने के लिए तथा भ्रम दूर करने के लिए हमें क्रिया के प्रारम्भ को समझना पड़ेगा। सामान्य व्यवहार में मनोरंजन का अर्थ विस्तृत समग्र भाव से लिया जा सकता है। यह गतिविधि किसी आयु विशेष समूह के लिए प्रतिबन्धित नहीं होती है।

डॉ० जॉन एच० फिन्ले ने - मनोरंजन शब्द को खेल में शामिल करते हुए काफी विस्तार से इंगित किया है कि खेल प्रत्येक अभिव्यक्ति में और बहुत-सी गतिविधियों में जैसे कि संगीत, नाटक, क्राफ्ट तथा स्वतन्त्र गतिविधियों और विशेषकर रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा जीवन को परिपूर्ण बनाती है। मनोरंजन का अर्थ है कि खोई हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर आनन्द का अनुभव प्राप्त करना। संतुष्टि एवं तरोताजा रहना स्वयं में एक मनोरंजन से पूर्ण जीवन है। बिना मनोरंजन के जीवन निरर्थक है। आधुनिक युग जटिलताओं से भरा है। आदमी को जीवित रहने के लिए शारीरिक एवं मानसिक श्रम करना पड़ता है। इस कारण थकान पैदा होती है। मनोरंजन के द्वारा वह अपनी खोई हुई शक्ति और ऊर्जा पुनः प्राप्त कर सकता है। मनोरंजन से वे गतिविधियाँ सम्बद्ध हैं जो कि व्यक्ति विशेष खाली समय के दौरान अथवा अकार्य घंटों में करता है। इसलिए सामान्यतः इस गतिविधि को खाली समय में की जाने वाली गतिविधि के रूप में संदर्भित किया जाता है। मनोरंजन शिक्षा का उद्देश्य अध्यापन करने वाले लोगों को रचनात्मक तरीके से अपने खाली समय और अकार्य समय के रचनात्मक रूप से उपयोग किए जाने के लिए शिक्षित करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए तथा मनोरंजन को मूल्यवान बनाने के लिए गतिविधियाँ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में इन गतिविधियों के चयन में यह सावधानी बरती जाती है कि खाली समय का स्वास्थ्य के लिए सही उपयोग किया जाए।

मनोरंजन की परिभाषा
(Definition of Recreation)

मनोरंजन को इस प्रकार भी जाना जा सकता है कि किसी भी प्रकार के खाली समय को अनुभवों अथवा गतिविधि जिसमें व्यक्ति विशेष अपनी रुचि के अनुसार स्वयं की संतुष्टि और मनोरंजन करता है, जो कि उसके पास सीधे ही आती है। -(जी०डी० बटलर)

मनोरंजन की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि खाली समय के दौरान स्वयं स्वेच्छा से व्यस्त रहता है प्राथमिक रूप से इससे प्राप्ति हेतु संतुष्टि के दौरान प्रेरित करना। -(मेयर और ब्राइट बिल)

मनोरंजन के आवश्यक लक्षण वश्यक लक्षण
(Essential Characteristics of Recreations)

शिक्षा इस तथ्य की पक्षधर है कि मनोरंजन में अग्रलिखित लक्षण होने चाहिए जिससे कि भागीदार को पूर्ण लाभ मिल सके-

1. खाली समय (फुरसत के क्षण) - मनोरंजन के लिए ऐसी गतिविधि का चयन करना 'चाहिए जिससे कि उसको करने वाला खाली समय में कर सके। इसी मत के अनुसार किसी को मनोरंजनात्मक गतिविधि में शामिल होने के लिए कार्य के घण्टों के दौरान अपने काम को छोड़ना पड़े।

2. आनन्ददायक - जिस गतिविधि में शामिल हों वह आनंददायक होना चाहिए न कि उबाऊ।

3. संतुष्टि - जिस गतिविधि में लगे उससे व्यक्ति विशेष को तत्काल तथा सीधे ही संतुष्टि मिलनी चाहिए। 

4. स्वेच्छिक - व्यक्ति विशेष को मनोरंजनात्मक गतिविधि को स्वयं को अपनी रुचि के अनुसार चुनना चाहिए। उसमें बाध्यता नहीं होनी चाहिए।

5. रचनात्मक - मनोरंजनात्मक गतिविधि रचनात्मक होती है। यह भागीदार को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक रूप से तथा अन्य किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं होती है। यह व्यक्ति विशेष के सतत विकास में सहायक होती है।

6. समाज को स्वीकार्य - मनोरंजनात्मक गतिविधियाँ समाज के लिए स्वीकार्य होती हैं। इसमें भाग लेने वाले के लिए व्यक्तिगत रूप से लाभकारी होती हैं।

मनोरंजन के लक्ष्य

मनोरंजन क्षेत्र के लक्ष्य बहुत मूल्यवान होते हैं। अमेरिकन स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा एवं मनोरंजन संघ (आफर) का कहना है कि वह विशेष क्षेत्र स्वयं को रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए मनुष्य की आधारभूत आत्मिक संतुष्टि में विशेष योगदान देता है। यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक अभिवृद्धि को प्रोत्साहित करती है तथा जीवन के तनाव एवं खिचावों निजात दिलाने वाले मारक के रूप में कार्य करता है तथा व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन जीने के लिए विस्तृत स्थान मुहैया करता है जिससे कि प्रभावी नागरिकता तथा जीवन्त जनतंत्र का विकास सम्भव होता है।

अमेरिकन मनोरंजन के उद्देश्यों के लिए गठित किए गए आयोग द्वारा की गई विवेचना मनोरंजन के उद्देश्यों के वर्णन के लिए एक सर्वोत्तम विवरण है।

ये उद्देश्य इस प्रकार हैं-

व्यक्तिगत परिपूर्णता
गणतान्त्रिक मानव सम्बन्ध
अवकाश के क्षण के कौशल तथा रुचियाँ
स्वास्थ्य तथा दक्षता
रचनात्मक अभिव्यक्ति तथा सौन्दर्य गुण विवेचना
अवकाश के क्षण में समाज में रहने के लिए वातावरण

मनोरंजन के विभिन्न प्रकार
(Types of Recreation)

कुछ सुस्थापित उत्तम प्रकार के मनोरंजनों का विवरण नीचे दिया गया है-

सामुदायिक मनोरंजन
औपचारिक मनोरंजन
पारिवारिक मनोरंजन
औद्योगिक मनोरंजन
संस्थागत मनोरंजन 
व्यावसायिक मनोरंजन

आधुनिक समाज में मनोरंजन का महत्त्व
(Significance of Recreation in Modern Society)

ऐसी कुछ मूलभूल मानवीय आवश्यकताएँ हैं, जिनके संतुष्ट होने की आवश्यकता अनुभव की जाती है। शिक्षा के कुछ ऐसे उद्देश्य हैं जिनको प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। ऐसे कुछ उत्तरदायित्व हैं जिनकी गणतांत्रिक समाज में पूर्ण करने की आवश्यकता अनुभव की जाती है। आधुनिक समाज द्वारा विकसित की गई तकनीक को स्वीकार करने के लिए ऐसे कुछ मूल्य हैं जिन्हें चुकाने की आवश्यकता है और ऐसे कारक / परिवर्तन हैं जो कि आधुनिक जीवन में महत्त्वपूर्ण मनोरंजन के एक बड़े क्षेत्र में फैलाव एवं मान्यताओं को बढ़ाते हैं। उपर्युक्त बिन्दुओं पर विवेचना करने के लिए नीचे कुछ प्रयास दर्शाए गए हैं कि व्यक्ति विशेष के जीवन में मनोरंजन क्यों और कैसे बढ़ते हुए महत्त्वपूर्ण कार्यों को संपादित कर सकता है जो कि समुदाय और राष्ट्र के लिए आवश्यक है।

मनोरंजन एक मूलभूत मानवीय आवश्यकता
मनोरंजन का मानवीय प्रसन्नता में योगदान
मनोरंजन और स्वास्थ्य
मनोरंजन और अपराधों की रोकथाम 
मनोरंजन और चारित्रिक विकास
मनोरंजन और सामुदायिक प्रतिबद्धता
मनोरंजन और स्वाभिमान
मनोरंजन और सुरक्षा
मनोरंजन और लोकतंत्र 
मनोरंजन और शिक्षा
मनोरंजन और आर्थिक स्थिति

मनोरंजक गतिविधियों के प्रकार
(Types of Recreational Activities)

अलग-अलग लोगों की विभिन्न रुचियों के अनुसार ही मनोरंजन के विविध प्रकारों की श्रृंखला है तथा इंसान के जीवन में होते हुए परिवर्तनों के अनुसार सम्पूर्ण जीवन की विभिन्न अवस्थाओं के मनोरंजन भी भिन्न प्रकार के होते हैं। जिस किस्म के मनोरंजन में व्यक्ति विशेष संलग्न होता है। उसकी लगन अंतहीन होती है फिर भी मनोरंजन समस्त प्रकारों में एक समान आचरण होता है जैसे कि प्रत्येक गतिविधि का मूल आधार मन की उत्कंठाओं को उजागर करने का अवसर प्रदान करना दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि गतिविधियों के ऐसे विभिन्न प्रकार जोकि शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक तथा रचनात्मक गतिविधियों में व्यक्ति विशेष को संतुष्टि प्रदान करते हैं। ये तत्त्व मनोरंजन के समान आधार हैं। मनोरंजनात्मक गतिविधियाँ अक्सर उपरोक्त बृहद् प्रकार के व्यक्तित्वों की अभिव्यक्ति हेतु समूहबद्ध की जाती हैं, परन्तु ऐसा समूहीकरण सम्पूर्ण संतुष्टि नहीं देता। इसलिए मनोरंजन का वर्गीकरण व्यक्ति विशेष की भागीदारी तथा उसकी चाहत को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।

इन शीर्षकों में गतिविधियों का वर्गीकरण करना जैसे शारीरिक, नाटकीय, लयात्मक, सामाजिक, कला तथा हस्त कला, संगीत, खेल-कूद, नृत्य, प्रकृति तथा बाहरी गतिविधियाँ, साक्षरता तथा भाषा, एकीकरण तथा समाजसेवी गतिविधियाँ आदि सुविधाजनक तथा उपयोगी होती हैं। मनोरंजनात्मक गतिविधियों का वर्गीकरण करते समय बहुत महत्त्वपूर्ण बात जिसे ध्यान में रखना चाहिए वह है कि मनोरंजन गतिविधियों का चुनाव तथा वर्गीकरण भाग लेने वालों की संतुष्टि उनकी आयु, लिंग तथा मूलभूत संतुष्टि को ध्यान में रखकर करना चाहिए। साथ ही साथ स्थान की आवश्यकता, प्रशिक्षण का व्यय, कारण, सदस्यों की प्रकृति तथा संगठन का प्रकार आदि सभी बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए । यद्यपि मनोरंजनात्मक गतिविधियों का समूहीकरण आवश्यक है परन्तु फिर भी उसकी सीमाओं के साथ-साथ उसके महत्त्व की भी पहचान कर लेनी चाहिए।

एरोबिक्स तथा जुम्बा
(Arobics and Zumba)

एरोबिक्स या जुम्बा, आपके लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है? खैर, जुम्बा और एरोबिक्स दोनों ही उन लोगों के बीच लोकप्रिय विकल्प हैं जो फिट रहना चाहते हैं या अपना वजन कम करना चाहते हैं। लेकिन ऐसे लोग हैं जो दो उच्च तीव्रता वाले कसरत पैटर्न के बीच चयन करने के लिए संघर्ष करते हैं।

अपनी पसंद बनाने के लिए आपको यहाँ क्या पता होना चाहिए।

एरोबिक्स में न केवल लयबद्ध गतियाँ शामिल हैं, बल्कि मांसपेशियों को मजबूत बनाने और शरीर की मांसपेशियों को फैलाने और आराम करने का लक्ष्य रखने वाले विशिष्ट शक्ति अभ्यास भी शामिल हैं। जुम्बा एरोबिक प्रशिक्षण का एक रूप है जो लैटिन चाल के साथ एरोबिक्स को जोड़ता है। यह हमें कैलोरी जलाने और दिल को मजबूत करने में मदद करता है और एक चर दर पर आयोजित किया जाता है।

कोरियोग्राफी के मामले में जुम्बा और एरोबिक्स भी अलग-अलग हैं। एरोबिक्स में, यह आमतौर पर दोहराने पर अनुसरण करने के लिए चरणों का कुछ क्रम होता है। आप जंपिंग जैक, स्किपिंग या वी स्टेप सीक्वेंस जैसे आंदोलनों को देखेंगे। इन आंदोलनों को बार-बार सीखा और इस्तेमाल किया जाता है। जहाँ आपको एरोबिक्स में स्टेप्स की कोरियोग्राफी सीखनी होती है, वहीं जरूरी नहीं कि आप जुम्बा में स्टेप्स सीखें। आप बस प्रशिक्षक का अनुसरण करते हैं और प्रत्येक बदलते गीत के साथ, जैसे ही वे बदलते हैं, चरणों का पालन करें।

एरोबिक्स क्लास में आपको खुशनुमा और हल्का-फुल्का माहौल मिलेगा। दूसरी ओर, आप जुम्बा क्लास में लोगों को एक-दूसरे को चीयर और मोटिवेट करते हुए पाएंगे। यदि आपका दिन खराब रहा हैं, तो जुम्बा क्लास निश्चित रूप से आपके दिन को बेहतर बना सकती है।

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