बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 व्यावसायिक अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम का प्रतिपादन सर्वप्रथम हेरमैन हेनरिक गॉसेन ने किया था। उन्हीं के विचार को मार्शल ने विकसित रूप में प्रस्तुत किया।
गॉसेन के शब्दों में, “जब हम किसी एक वस्तु को बिना किसी व्यवधान के लगातार प्रयोग करते रहते हैं तो उस संतुष्टि की मात्रा तब तक निरन्तर घटती है जब तक कि उससे पूर्ण तृप्ति की प्राप्ति नहीं हो जाती।”
सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम की मान्यताएँ
(i) सभी इकाइयाँ समान रूप से गुणवान हों,
(ii) उपयोग के समय में आवश्यक अन्तर नहीं होना चाहिए।
(iii) मानसिक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
(iv) वस्तुओं के मूल्य में परिवर्तन नहीं।
यह नियम दुर्लभ वस्तुओं के संग्रह पर लागू नहीं होता।
अपवाद की दृष्टि से यह नियम मुद्रा के संबंध में लागू नहीं होता।
कुछ विद्वानों के अनुसार दवा जैसी वस्तुओं पर यह नियम लागू नहीं होता।
केर्नक्रास के शब्दों में, “इस नियम की विशेषता विशेषताओं में है।” यह नियम माँग का नियम, समसीमांत उपयोगिता नियम तथा उपभोक्ता बचत के विचार का आधार हैं।
यह नियम माँग के नियम का आधार है।
ह्रास नियम सम-सीमांत उपयोगिता नियम का आधार है।
यह नियम उपभोक्ता की बचत की अवधारणा का आधार है।
यह नियम मूल्य सिद्धान्त पर आधारित है।
सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम वस्तु के प्रयोग मूल्य तथा विनिमय मूल्य के अन्तर को बताता करता है।
यह नियम आधुनिक प्रगतिशील कर प्रणाली का आधार है।
यह नियम समाज में आय एवं धन के पुनर्वितरण का नैतिक/तार्किक आधार बताता है।
सभी वस्तुओं की उपयोगिता अलग होती है और उनकी पूर्ति के साधन सीमित होते हैं।
किसी वस्तु की उत्तरोत्तर इकाइयों से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता क्रमशः घटती जाती है।
सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम यह बताता है कि अन्य बातें समान रहने पर किसी वस्तु की
उपयोग की जान वाली मात्रा और उससे प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता में ऋणात्मक
सम्बन्ध पाया जाता है।
नियम यह स्पष्ट नहीं करता है कि वस्तु से प्राप्त सीमांत उपयोगिता में ह्रास किस दर से होता है।
वस्तु की अगली इकाइयों से प्राप्त सीमांत उपयोगिता धनात्मक, शून्य अथवा ऋणात्मक हो सकती है।
सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम का सम्बन्ध वस्तु की सीमांत उपयोगिता से है न कि उसकी
कुल उपयोगिता से।
प्रो. बेमबर्ग के अनुसार वस्तुओं के एक से अधिक प्रयोग होने के कारण भी सीमांत उपयोगिता
ह्रास नियम लागू होता है।
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