बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-2 वित्तीय लेखांकन - सरल प्रश्नोत्तर
महत्त्वपूर्ण तथ्य
एल० सी० क्रापर के अनुसार -“किराया क्रय पद्धति में किराया क्रय क्रेता बहुत से स्वीकृत भुगतानों में से प्रथम भुगतान देने पर सम्पत्ति को प्रयोग करने का अधिकार प्राप्त कर लेता है परन्तु माल का स्वामित्व विक्रेता का ही रहता है। अन्तिम किस्त के भुगतान कर देने पर किरायेदार माल का कानूनी अधिकारी बन जाता है और फिर पहले स्वामी का इस सम्पत्ति में कोई हित नहीं रहता ।"
जे० आर० बाटलीबाय के अनुसार - "किराया क्रय पद्धति में माल उस व्यक्ति को सुपुर्द कर दिया जाता है जो माल के स्वामी को बराबर सामयिक किस्तों में भुगतान करने को सहमत हो जाता है। जब तक अन्तिम किस्त का भुगतान न कर दिया जाए ऐसी किस्तें माल का किराया मानी जाती हैं। अन्तिम किस्त का भुगतान होने पर माल का स्वामित्व क्रेता को मिल जाता है।"
किराया क्रय पद्धति की विशेषताएँ
1. किस्तों में भुगतान होना
2. क्रेता को माल की सुपुर्दगी और प्रयोग का अधिकार
3. अन्तिम किस्त के भुगतान तक माल पर विक्रेता का स्वामित्व होना
4. किस्तें प्राप्त न होने पर-
a. विक्रेता को माल वापिस पाने का अधिकार
b. प्राप्त किस्तों का जब्त करना
c. अदत्त किस्तों के लिए दावा करने का अधिकार
5 .अन्तिम किस्त के भुगतान तक क्रेता को माल उचित सावधानी से रखना चाहिए
6. अन्तिम किस्त तक विक्रेता मरम्मत के लिए उत्तरदायी है
7. अन्तिम किस्त के भुगतान से पूर्व क्रेता द्वारा बिक्री करने पर दूसरे क्रेता को श्रेष्ठ अधिकार नहीं दे सकता
किराया क्रेता की पुस्तकों में लेखे
किराया क्रय अनुबन्ध पर हस्ताक्षर करने की तिथि पर सम्पत्ति खाते को कुल रोकड़ मूल्य (Cash Price) की धनराशि से डेबिट और किराया-विक्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है।
यदि किराया -क्रय समझौते पर हस्ताक्षर करते समय कुछ धनराशि का भुगतान किया जाता है, तो इस धनराशि से किराया-विक्रेता खाते को डेबिट और रोकड़ बैंक खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक किश्त के देय होने पर किश्त में सम्मिलित ब्याज की धनराशि से ब्याज खाते को डेबिट और किराया - विक्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक किश्त का भुगतान करने पर किश्त की सम्पूर्ण धनराशि से किराया-विक्रेता खाते को डेबिट और रोकड़ / बैंक खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक वर्ष के अन्त में क्रय की जाने वाली सम्पत्ति पर यदि ह्रास की व्यवस्था हो, तो ह्रास की धनराशि रोकड़ मूल्य पर पूर्व निश्चित विधि के अनुसार गणना करके ह्रास खाते को डेबिट और सम्पत्ति खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक वर्ष के अन्त में ह्रास एवं ब्याज की धनराशियों को लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित करने के लिये लाभ-हानि खाते डेबिट और ब्याज खाते एवं ह्रास खाते क्रेडिट किया जाता है।
किराया-विक्रेता की पुस्तकों में लेखे
किराया क्रय समझौते पर माल के रोकड़ मूल्य (Cash Price) की धनराशि से किराया -क्रेता खाते (Hire Purchaser's Account) को डेबिट और किराया - विक्रय खाते (Hire Sales Account) को क्रेडिट करते हैं।
किराया क्रय समझौते पर हस्ताक्षर होने के समय यदि किराया-विक्रेता ने कोई धनराशि प्राप्त की है, तो रोकड़ / बैंक खाते को डेबिट और किराया -क्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक किश्त की देय तिथि पर प्राप्त होने वाली ब्याज की धनराशि से किराया-क्रेता खाते को डेबिट और ब्याज खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक किश्त की धनराशि प्राप्त होने पर रोकड़ / बैंक खाते को डेबिट और किराया-क्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है।
किराया-बिक्री के खाते को वर्ष के अन्त में बन्द करने के लिए, किराया-बिक्री खाते को डेबिट और व्यापारिक खाते को क्रेडिट किया जाता है।
प्रत्येक वर्ष के अन्त में ब्याज खाते को लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित करने के लिये ब्याज खाते को डेबिट और लाभ-हानि को क्रेडिट किया जाता है।
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