बी ए - एम ए >> बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी बीकाम सेमेस्टर-2 प्राथमिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - सरल प्रश्नोत्तर
महत्वपूर्ण तथ्य
मनुष्य के आस-पास पाये जाने वाले जानवरों में कुत्ता, बिल्ली, ऊँट, चमगादड़, बंदर, नेवला, सियार मुख्य रूप से नुकसानदायक हैं यदि ये रेबीज वायरस से संक्रमित हों।'
रेबीज़ वायरस से संक्रमित यदि इनमें से कोई जानवर किसी मनुष्य को काट लेता है तो वह मनुष्य भी रेबीज वायरस से संक्रमित हो जाता है। इसका एकमात्र उपचार ऐंटीरेबीज का टीका लगवाना है।
रेबीज के टीके की तीन डोजें लगवाना आवश्यक है। चूक होने पर इसका कोई और इलाज अभी तक ज्ञात नहीं है।
कुत्ते के काटने से बैक्टीरियल संक्रमण का भी खतरा हो सकता है यदि कुत्ते के मुँह और लार में बैक्टीरिया उपस्थित हो।
रेबीज एक गंभीर वायरल बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और यदि इसका पूरा इलाज न किया जाये तो संक्रमण होने के कुछ ही दिनों में व्यक्ति की मृत्यु सुनिश्चित है।
कुत्ते या उपरोक्त में से किसी जानवर के काटने पर रेबीज का टीका ही कारगर उपाय है। प्राथमिक चिकित्सा के रूप में घाव को साबुन तथा साफ पानी से धोकर ब्लीडिंग रोकने के लिए घाव के स्थान पर साफ तौलिया लपेटकर क्षतिग्रस्त हिस्से को थोड़ा ऊपर उठाकर रखना चाहिए। ब्लीडिंग बंद होने के बाद चोट पर एण्टीबायोटिक क्रीम लगाना चाहिए।
विषैले जन्तुओं के दंश में सर्प दंश सबसे भयंकर होता है। इस दंश के कुछ ही मिनटों बाद व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है।
विषैले सर्पों में कोबरा, किंग कोबरा, कालानाग, करैत, बाइपर, रसेल, क्राटेलस आदि मुख्य हैं। विषैले सर्पों के विष एक से नहीं होते। इनमें से कुछ विष तंत्रिका तंत्र पर आघात करते हैं, कुछ रक्त परिसंचरण तंत्र पर और कुछ दोनों पर आघात करते हैं।
जब सांप किसी व्यक्ति को काटता है तो कौवे के पैर की तरह के 3 या 4 दाढ़ का गहरा निशान बन जाता है।
सर्प के विष का प्रभाव तंत्रिका तंत्र तथा श्वास तंत्र पर पड़ता है।
दंश के स्थान पर तीव्र जलन, अवसाद, मिचली, वमन, अंगघात, पलकों का गिरना, एक ही जगह दो वस्तु दिखाई देना, सर्प दंश के प्राथमिक लक्षण हैं। अंतिम अवस्था में चेतनाहीनता तथा मांसपेशियों में ऐंठन शुरू हो जाती है और श्वसन क्रिया बंद हो जाने से मृत्यु हो जाती है। आंशिक सर्पदंश या देश के तुरन्त पश्चात इलाज उपलब्ध हो जाने पर सर्प दंश से जान बचायी जा सकती है।
सर्प दंश के प्राथमिक उपचार के रूप में दंश के कुछ ऊपर या नीचे रस्सी से कसकर बांधने से विष का फैलाव धीमा हो जाता है और उपचार के लिए समय मिल जाता है।
सर्प दंश के उपचार के रूप में Anti Venom का इंजेक्शन दिया जाता है।
सर्प दंश में मधपान क्षम्य नहीं है।
कीटों के काटने और डंक मारने से कभी-कभी कुछ लोगों में गंभीर एलर्जी की समस्या हो सकती है. जिसे "एनाफिलैक्सिस" कहा जाता है।
कीटों के काटने या डंक मारने पर यदि निम्न लक्षण उत्पन्न हो तो तुरन्त चिकित्सीय सहायता लेना चाहिए -
(1) सांस लेने में घरघराहट की आवाज या कठिनाई
(2) मिचली, उल्टी दस्त
(3) धड़कन का तेज होना
(4) चक्कर आना बेहोशी आ जाना
(5) बेचैनी तथा
(6) निगलने में कठिनाई अर्थात् (डिसफैगिया)।
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