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बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2729
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 शारीरिक शिक्षा - खेल संगठन एवं प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- एक शैक्षिक संस्था में वित्तीय प्रबन्ध के उद्देश्य लिखिये।

उत्तर -

एक शैक्षिक संस्था में वित्तीय प्रबन्ध के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

(1) लाभ अधिकतम करना - वित्तीय प्रबन्ध का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ प्राप्ति है। किसी भी शिक्षा में अर्जित किया गया लाभ उसकी उत्पादन कुशलता, विक्रय तथा प्रबन्धकीय कुशलता का परिणाम माना जाता है। सभी शैक्षिक संस्था में पूँजी विनियोग अधिकतम लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से किया जाता है। कुछ विद्वान् शिक्षा के उद्देश्य को अधिकतम लाभोपार्जन के स्थान पर उचित लाभ उपार्जन की क्षमता का समर्थन करते हैं। परन्तु यहाँ यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि किसी भी शिक्षा को उसी प्रकार के उसी क्षेत्र स्थित अन्य शिक्षा में लाभ प्राप्ति की दर कम नहीं होनी चाहिए तथा जितनी ही लाभ प्राप्ति की दर अधिक होगी उतनी ही अधिक कुशलता वित्तीय प्रबन्धक की मानी जायेगी।

(2) साधनों का कुशल आवंटन एवं उपयोग - उपलब्ध साधनों का कुशल आवंटन एवं प्रयोग लाभ के आधार पर किया जा सकता है। वित्तीय प्रबन्धक साधनों को कम लाभदायक उपायोगों से निकालकर अधिक लाभदायक उपयोगों में लगाता है, जिससे कुशलता बढ़ती है।

(3) शिक्षा के लिए प्रेरणा - लाभ शिक्षा में प्रेरणा का एक प्रमुख स्रोत है। अधिक लाभ अर्जित करने के लिए एक फर्म अन्य फर्मों से अधिक कुशल बनने का प्रयत्न करती है, अतः लाभ शैक्षिक कुशलता का आधार है। यदि शैक्षिक संस्था से लाभ की प्रेरणा समाप्त कर दी जाये तो प्रतियोगिता का अन्त हो जायेगा तथा इससे विकास एवं प्रगति की दर धीमी पड़ जायेगी।

(4) सामाजिक लाभ को अधिकतम करना - वित्तीय प्रबन्ध का समष्टि स्तर पर यह एकमात्र उद्देश्य है कि देश में उपलब्ध समस्त भौतिक तथा मानवीय साधनों का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के दृष्टिकोण से उपयोग करे। प्रत्येक देश में पूँजीगत स्रोत सीमित होते हैं तथा उनकी उत्पादकता नियोक्ता पर ही निर्भर करती है। वित्तीय प्रबन्धकों का यह कर्त्तव्य है कि वह देश के सीमित साधनों का सर्वश्रेष्ठ विकल्पों के आधार पर मितव्ययतापूर्वक उपयोग करें, जिससे देश को अधिकतम सामाजिक लाभ प्राप्त हो सकें।

(5) निर्णयों की सफलता का मापक - सभी शैक्षिक निर्णय लाभोपार्जन के उद्देश्य को 'ध्यान में रखकर किये जाते हैं। अतः यह निर्णयों की सफलता का प्रमुख मापक है। एक संस्था अपने उत्पादन, विक्रय तथा निष्पादन में कुशलता अर्जित करके ही लाभ अर्जित कर सकता है। प्रबन्ध का कोई कार्य अथवा निर्णय सफल हुआ अथवा नहीं, इसका मापन लाभ के आधार पर किया जा सकता है।

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