बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- लावण्य योजना क्या है?
उत्तर -
रूप, प्रमाण तथा भाव के साथ चित्र में लावण्य का होना परम आवश्यक है। प्रमाण जिस प्रकार रूप को ठीक दिशा देता है उसी प्रकार लावण्य को उत्कर्ष प्रदान करता है भाव आन्तरिक सौन्दर्य का बोधक है और लावण्य बाह्य सौन्दर्य का प्रतीक है। भाव द्वारा कभी-कभी चित्र में कर्कशता का आभास होने लगता है किन्तु लावण्ययोजना से वह आकर्षक बन जाता है। चित्र में रूप और प्रमाण की यथोचित उपयुक्त व्यवस्था होने पर भी लावण्य का समावेश किए बिना चित्र से सौन्दर्य की अभिव्यंजना नहीं होती है। दूसरी ओर लावण्य का उदय मुख्तया रूप, प्रमाण तथा भाव से ही होता है। जिस प्रकार एक कान्ति ( लावण्य) रहित मोती की भंगिमा निष्प्रभ है उसी प्रकार रूप प्रमाण तथा भाव से युक्त चित्र भी 'लावण्य' के बिना आकर्षक रहित है। लावण्य का ठीक सन्तुलन भी आवश्यक है।
|