बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- अन्तराल तथा रूप योजना के प्रकार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
(Organisational Patterns of Form in Relation to Space)
चित्रभूमि प्रायः ऊर्ध्व आयताकार, क्षैतिज आयताकार वर्गाकार, वृत्ताकार, अण्डाकार अथवा दीर्घवृत्ताकार आदि प्रकारों में विभाजित की जा सकती है। उन्हीं के अनुसार ही इस पर रूप की व्यवस्था करनी होती है। विभिन्न चित्र अन्तरालों में प्रायः निम्न प्रकार की रूप योजना प्रयुक्त होती है-
1. सम्मात्रिक (Symmetrical) - इस पद्धति में मध्य - ऊर्ध्व रेखा के दोनों ओर समान तथा सादृश्य संयोजन किया जाता है। प्रायः आयताकार अन्तराल इसके लिए अधिक उपयुक्त रहता है।

2. पिरामिडीय (Pyramidal) - इस पद्धति में मध्य ऊर्ध्व रेखा के आधार पर चौड़ा और शीर्ष की ओर नुकीला संयोजन किया जाता है। ऊँचाई की अपेक्षा आधार बड़ा होता है।


4. विकीर्णित ( Radial ) - केन्द्र के चारों ओर आभा विकीर्ण करते हुए वृत्ताकार संयोजन किया जाता है। इस प्रकार का अंकन प्रायः धार्मिक एवं सौन्दर्यपूर्ण विषयों में अधिक हुआ है।

इसके अतिरिक्त वृत्त अर्द्धवृत्त आदि में भी रूप संयोजन किया जा सकता है। प्रायः वर्गाकार चित्र - भूमि पर वृत्त तथा क्षैतिज आयताकार भूमि पर अर्द्धवृत संयोजन उचित रहते है।
|