बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- चित्रों में रंगों का क्या महत्व है? वर्ण चक्र की सहायता से समझाइयें।
उत्तर -
चित्रों में रंगों का महत्व
रंग या वर्ण का मानव जीवन में बहुत महत्व है। कला के समस्त तत्वों में सबसे अधिक संवेगात्मक तत्व रंग है। रंगों का हमारी भावनाओं और मनः स्थितियों से सीधा सम्बन्ध होता है। और रंग उनको उद्वेलित करने की शक्ति रखते है। इस प्रकार रंग में गुप्त ऊर्जा होती है। वह एक अनन्त गतिशीलता प्रदान कर सकते है। रंगों में उष्णता एवं शीतलता का भी विशेष गुण होता है। उष्ण रंग अर्थात लाल, पीला, नारंगी आदि। इनका रंग चटक होता है और मन को आकर्षित करते है। इसके विपरीत जिन वर्णों का सम्बन्ध प्रकृति, हरियाली, पर्वतों, जल एवं आकाश से होता है जैसे नीला, हरा आसमानी आदि। ये रंग शीतलता प्रदान करते हैं।

काले व सफेद रंग का अपना कोई महत्व नहीं होता इन्हें जिस श्रेणी में प्रयोग किया जाता है उसी प्रभाव को प्रदर्शित करते उष्ण की श्रेणी में उष्ण तथा शीतल की श्रेणी में आने से शीतल हो जाते हैं। वर्णों से प्राप्त होने वाला यह प्रभाव पूर्णतः स्थिति सापेक्ष है अर्थात यदि व्यक्ति प्रसन्न है जो उसे श्रृंगारिक भाव लिए हुए लाल, गुलाबी रंग पसन्द आते है। यदि वह व्यक्ति उदास है तो उसे उदासीन रंगत वाला रंग ही भायेगा। कलाकार मनुष्य की इन्हीं मानसिकताओं का प्रदर्शन, रंगों के सामंजस्य के माध्यम से करता है।
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