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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2728
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- रेखाओं के दृश्यात्मक भ्रम को संक्षेप में लिखिये?

उत्तर -

रेखाओं के दृश्यात्मक भ्रम

रेखाओं के अंकन द्वारा दृश्यात्मक भ्रम भी उत्पन्न किये जा सकते है जो निम्नलिखित है-

1. दिशा भ्रम (Illusion of Direction ) - यदि समान्तर रेखायें को भिन्न दिशाओं में खीची गई रेखायें काटती है तो समान्तर रेखायें असमान्तर प्रतीत होती है। यह स्थिति दिशा भ्रम की होती है। इसी प्रकार दो समान्तर रेखाओं के बीच एक तिरछी रेखा से छिपा दिया जायें तो रेखाओं के बीच सीघ्र समाप्त हो जाती है, यदि दो समान्तर सरल रेखाओं को एक पुंजीय रेखाएँ प्रभावित करे तो समान्तर रेखाएँ प्रभावित करे तो समान्तर रेखाएँ सरल प्रतीत न होकर किंचित वक्र प्रतीत होती है

 

2728_23_A

 

2. प्रमाण भ्रम (Illusion of Distance or Size) - यदि एक समान दो आकृतियों को ऊपर-नीचे बना दिया जाये तो ऊपर वाली आकृति छोटी और नीचे की आकृति बड़ी प्रतीत होती है।

 

2728_23_B

 

इसी प्रकार यदि किसी रेखा के निकट बड़ी रेखाएँ खींच दे तो वह छोटी प्रतीत होती है। किन्तु यदि छोटी रेखायें खींच दे तो वही रेखा बड़ी और पड़ी रेखा खींची जायें तो खड़ी रेखा बडी लगने लगती है और पडती रेखा छोटी लगने लगती है।

 

2728_24_A

 

एक ही रेखा बाहर की ओर कोण बनाने पर बडी और अन्दर की ओर कोण बनाने पर छोटी प्रतीत होती है।

 

2728_24_B

 

एक ही रेखा के दो बराबर भागों में से एक में यदि कुछ अधिक भाग कर दिया जाये तो वह भाग बड़ा और दूसरा रिक्त भाग छोटा प्रतीत होता है।

3. परिप्रेक्षीय भ्रम (Illusion of Perspective) - कोणीय रेखाओं वाली आकृतियों में परिप्रेक्ष्य का भ्रम उत्पन्न हो जाता है। जैसे सीढ़ियों में सबसे ऊपर की सीढ़ी छोटी लगती है तथा नीचें की सीढी बडी लगती है।

 

2728_24_C

 

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