बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- रेखांकन के प्रकारों को संक्षेप में बताइये।
उत्तर -
- रेखांकन के प्रकार
रेखांकन निम्न प्रकार के होते है -
1. स्वतन्त्र रेखांकन (Free Drawing) - इसमें पहली क्रिया किसी वस्तु के देखने की होती है और इसका जो प्रभाव मन और मस्तिष्क पर पडता है उसे रेखांकित किया जाता है। यह प्रत्येक चित्रकाल पर भिन्न-भिन्न रूपों में पड़ता है। यह अकंन पद्धति प्रसिद्ध चित्रकार कैन्डिसकी की चित्रण विधि के अधिक समीप है।
कला = वस्तुगत प्रभाव - प्रभाव का अभिव्यक्तिकरण - संयोजन
2. स्मृति रेखांकन (Memory Drawing) - इसमें आकृति का पूर्ण परिचित रूप बिना देखे पूर्ण स्मृति के माध्यम से यथावत चित्रण करना होता है। यह विधि हमारी स्मृति को स्वस्थ्य बनाती है। प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में ऐसे कितने ही वर्णन है। महाभारत में ऊषा की सखी चित्रलेखा उसके स्वप्न दृष्ट का हूबहू चित्र बना लेती है।
3. प्रतिरूपात्मक रेखांकन (Representational Drawing) - इसमें हम जैसा देखते है वैसा ही बनाने का प्रयत्न करते है। यह रेखांकन दृष्टान्त चित्रों में विशेष उपयोगी है। रेखाओं की सहायता से छाया-प्रकाश तथा क्षयवृद्धि का प्रभाव दिखाया जा सकता है।
4. यान्त्रिक रेखांकन (Machanical Drawing) - इसमें यन्त्रों की सहायता से बनाये जाने वाले चित्र को यान्त्रिक रेखांकन कहते है। इस प्रकार के चित्रों में रेखाओं की नाप-तौल यन्त्रों के द्वारा निश्चित होती है। इनका कलात्मक प्रभाव भी नकारात्मक होता है इनका प्रयोग मात्र रूप निर्माण में सहायता लेना होता है।
5. सीमान्त रेखांकन (Contour Drawing) - वस्तु अथवा प्रकृति में अपनी कोई रेखा नहीं होती है। बल्कि प्रकाश व अन्धकार के कारण रेखा का निर्माण हो जाता है। लेकिन यह केवल आकार बोधक रेखायें होती हैं। इस रेखांकन में वर्ण व पोत आदि तत्वों की ओर ध्यान नहीं देना चाहियें
6. सांकेतिक रेखांकन (Gesture Drawing ) - यह प्रत्यक्ष चित्र का ही एक ढंग है। चित्र भूमि पर अन्तराल एवं वस्तु के आयतन को जानने मात्र के लिए इस अकंन पद्धति का सहारा लिया जाता है। इस प्रयास से सक्रिय एवं सहायक अन्तराल का ज्ञान होता है।
7. प्रकृति रेखांकन (Nature Drawing) - इसके अर्न्तगत फल, फूल और पत्तियों का अकंन किया जाता है। इसके द्वारा प्राकृतिक रेखाओं एवं आकारों का अध्ययन किया जाता है। इसमें फूलों व पत्तियों आदि को सुखाकर एवं फल-फूल को काटकर भी अंकन किया जाता है।
8. वस्तु रेखांकन (Object Drawing) - वस्तुओं को एक समूह में सम्मुख रखकर उसमें से कुछ वस्तुओं का संयोजन करना चाहिये। उनकी दूरी रेखाओं द्वारा प्रदर्शित की जाती है। जो वस्तु पास हो उसका रेखांकन गहरा और क्रमशः पीछे वाली वस्तुओं का अंकन हल्का होता जायेगा। यह अंकन वस्तुओं स्वरूप में अन्तर लाने के लिए होता है।
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