बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- त्रिआयामी छाया-प्रकाश को किस प्रकार प्रदर्शित करेंगे।
उत्तर -
त्रिआयामी छाया प्रकाश
(Chiaroscuro)
त्रि-आयामी आकृतियाँ चित्रित करते समय ऐसे किसी एक प्रकाश स्रोत की आवश्यकता होती है जो चित्रित की जाने वाली वस्तु पर एक ही स्थान से प्रकाश निकलता रहे। जब प्रकाश एक ही बिन्दु से आता है तो वस्तु के कुछ भाग अधिक और कुछ भाग कम प्रकाशित होते हैं। इस दृष्टि से यदि एक पिण्ड अथवा घन पर प्रकाश डालें तो उसके निम्न क्षेत्र बनेंगे।
1. अति प्रकाश (High Light) - यह वस्तु पर पड़ने वाले प्रकाश की सर्वाधिक मात्रा है। गोल वस्तु का कोई छोटा अंश या समतल वस्तुओं का कोई एक तल या किनारा जहाँ सबसे अधिक चमकता है। वहाँ अति प्रकाश होता है।
2. प्रकाशित भाग (Lighted Portion) - वस्तु का वह भाग जहाँ पर्याप्त प्रकाश रहता है किन्तु यह अति प्रकाश से कम होता है। प्रायः अति प्रकाश के निकट वालां भाग ही इस प्रकार का होता है।
3. मध्यम प्रकाश (Middle Tone Area) - जहाँ वस्तु पर प्रकाश और अंधकार का मिश्रित प्रभाव होता हैं वहाँ मध्य प्रकाश होता है।
4. छायांकित भाग (Shaded Area) - वस्तु का वह भाग जहाँ पर अंधेरा रहता है छायांकित भाग कहते हैं।
5. प्रतिबिम्बित प्रकाश (Feflected Light) - छायांकित या अंधेरे स्थान के किनारे पर विपरीत दिशा से आने वाले प्रकाश के कारण अंधकार अथवा छाया की मात्रा कम हो जाती है। यह प्रकाश जितना अधिक होगा अंधकार उतना ही कम हो जाता है।
6. प्रतिच्छाया (Cast-shadow) - वस्तु की भूमि पर पड़ने वाली छाया। यह वस्तु छायांकित भाग की अपेक्षा अधिक अंधकारपूर्ण होती है।
छाया-प्रकाश का उपर्युक्त विभाजन निकट की वस्तुओं के आधार पर किया गया है। दूर की वस्तुओं में प्रकाश तथा अति प्रकाश वाले भाग एक समान दिखाई देते हैं और छायांकित भागों में प्रतिबिम्बित प्रकाश दृष्टव्य नहीं होता। दूर की वस्तुओं में छायां और प्रकाश दोनों ही धुंधले हो जाते हैं अर्थात् न प्रकाश उतना चमकदार रहता है और न छाया उतनी गहरी रहती है जितने कि दोनों निकट वस्तुओं में होते हैं।
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