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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2728
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- वायवीय प्रभाव किस प्रकार उत्पन्न कर सकते हैं?

उत्तर - 

वायवीय परिप्रेक्ष्य (Aerial Perspective) -  जिस प्रकार रेखांकित आकृतियों द्वारा चित्र में ठोस वास्तविकता एवं गहराई की अनुभूति होती है उसी प्रकार इस गहराई को रंगत एवं मान के आधार भी दिखाया जा सकता है। वातावरण की धुंध के कारण थोड़ी दूरी की वस्तुयें भी अधिक दूर दिखाई देती हैं तथा वातावरण स्पष्ट होने पर दूर की वस्तुयें भी निकटता का आभास कराती हैं। चित्र में दूरी एवं निकटता का आभास कराने के लिये आकारों को छोटा बड़ा प्रदर्शित करने के अतिरिक्त रंगत एवं मान के मूल्यों का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से करना आवश्यक है।

सामने दिखाई देने वाले दृश्य पर वायुमण्डलीय प्रभाव पड़ता है। वायुमण्डल में धूल आदि के कण होने के कारण दूर की वस्तुओं के रंग धुंधले हो जाते है। उनके रंगों में परिवर्तन हो जाता है। जैसे शीतल वातावरण में प्रत्येक वस्तु दूर जाकर नीले रंग से प्रभावित हो जायेगी। वर्षा ऋतु में दूर की वस्तुओं का रंग मटमैला दृष्टव्य है। तेज वर्षा में दूर की गहराई अथवा अन्तराल धूमिल श्वेत हो जाते हैं। यह प्रभाव पेंसिल चित्र तथा इकरंगे एवं बहुरंगे सभी चित्रों में वातावरण के अनुरूप दिखाया जा सकता है। वातावरण का प्रभाव वस्तुओं के रंगों पर भी पड़ता है। आस- पास की वस्तुओं तथा दीवारों के रंगों का प्रभाव वस्तुओं के प्रतिबिम्बित प्रकाश वाले भाग में दिखायी देता हैं।

गर्म और ठंडे रंगों में गर्म रंग आगे बढने वाले अथवा अग्रगामी तथा ठंडे रंग पीछे हटने वाले अथवा पृष्ठगामी होते हैं। चित्र के वे भाग जिनमें गर्म रंगों का प्रयोग किया जाता है, ठण्डे रंगों द्वारा भागों से आगे दिखाई देते हैं। इन्द्रधनुष की सात रंगते इस क्रम से आगे बढ़ने वाले रंगों को प्रस्तुत करती हैं।

बैगनी, नीला, आसमानी पृष्ठगामी ← हरा → अग्रगामी → पीला, नारंगी, लाल।

तान के सम्बन्ध में प्रकाश से परिपूर्ण तान अग्रगामी एवं अंधेरे की ओर आने वाली तान पृष्ठगामी होती है। इस प्रकार श्वेत से श्याम की ओर बढ़ने वाले मान पृष्ठगामी होते हैं। परन्तु यह कोई निश्चित नियम नहीं है। यह पृष्ठगामी और आकृति के मान के विरोधाभास पर भी निर्भर करता है। यदि श्वेत पृष्ठगामी पर काली आकृति अंकित कर दी जाये तो वह पृष्ठभूमि छोड़कर आगे आना चाहती है। यदि काली पृष्ठगामी - पर पूर्ण श्वेत आकृति अंकित कर दी जाये तो वह भी अपनी पृष्ठभूमि को छोड़कर आगे जाने का प्रयत्न करती है।

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