बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्व बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - कला के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रवाह की अनुभूति से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर -
प्रवाह की अनुभूति
प्रवाह जैसाकि इस शब्द से ही आभास होता है गति की अनुभूति उत्पन्न करता है। यह गति रेखा के झुकाव व घुमाव पर निर्भर करती है। खड़ी अथवा पड़ी रेखा गतिहीन होती है परन्तु आवृति सिद्धान्त के अनुसार इसे क्रमबद्ध करने से गति मिलती है। इसी उठने और गिरने की आवृति को यदि कोणीयता समाप्त करते हुए एक रेखा से बाँधा जायें तो लयात्मक गति युक्त प्रवाह का सृजन होता है। रेखा के झुकाव और गति की अनुभूति को निम्न चित्रक्रम द्वारा समझ सकते है-

1. स्थिर हवा के प्रभाव की अनुभूति है।
2. हवा हल्के-हल्के चालने लगती है इसका आभास वर्षा की बूँदों से होता है।
3. हवा का प्रवाह और अधिक होने से वर्षा का कोण भी बढ़ गया है।
4. वर्षा के कोण से हवा का अत्यधिक तेज होना आभासित होता है।
इसी गति का निर्देशक तत्वों से प्रवाहयुक्त रेखा का जन्म हुआ है। यह रेखांकन संयोजन का सर्वश्रेष्ठ गुण है। लघु चित्रों के वस्त्रों की फहरान में इसी सिद्धान्त का पालन हुआ है।
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