बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाजसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज
प्रश्न- जेंडर समानता में विद्यालय तथा पाठ्यपुस्तकें किस प्रकार सहयोगी हो सकती हैं?
उत्तर-
हमारे समाज में जेंडर भेदभाव और असमानताओं की मौजूदगी जारी है, समाजीकरण की प्रक्रिया तथा समाज में जेंडर भेदभाव का पुनरुत्पादन विद्यालय प्रक्रिया को मजबूत बना सकता है। शिक्षकों के अनुभव तथा जेंडर भेदभाव के सम्बन्ध में उनके समाजीकरण की प्रक्रिया अध्ययन-कक्ष में विद्यार्थियों तक अनजाने या अवचेतन में प्रसारित हो सकती है। विद्यालय में प्रारम्भिक स्तर पर जेंडर-पूर्वाग्रह और जेंडर-भेदभाव की सीखने से विद्यार्थियों के मनोमस्तिष्क पर इसकी अमिट छाप दर्ज हो सकती है। इसलिए उन्नत रूप से यह बहुत आवश्यक है कि विद्यालय की पाठ्य-पुस्तकें तथा इससे सम्बन्धित अन्य सामाजिकों और शिक्षकों के साथ-साथ पाठ्यक्रम और इसके व्यवहार में की गयी प्रक्रियाएँ सभी क्षेत्रों में जेंडर-सम्मतता और समावेशिता की नीतियों से प्रेरित होनी चाहिए।
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