बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाजसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज
प्रश्न- जेंडर भूमिकाएँ क्या हैं?
उत्तर-
जेंडर भूमिकाएँ ऐसी भूमिकाएँ हैं, जिनकी अपेक्षा पुरुषों और महिलाओं से उनके लिंग के आधार पर की जाती है। जेंडर भूमिकाएँ पीढ़ियों से चलती आ रही हैं। परम्परागत रूप से अनेक समाजों में यह मान्यता थी कि पालन-पोषण में महिलाएँ पुरुषों से बेहतर होती हैं। इसलिए, पुरुषों ने मतभेद में, जेंडर भूमिकाओं का परम्परागत दृष्टिकोण सुझाता है कि घर में वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराते हुए पुरुषों को कमाने का मुख्य धारा माना चाहिए और महत्वपूर्ण पारिवारिक निर्णय पुरुष द्वारा लिये जाने चाहिए। हालाँकि समाज के अनेक हिस्सों में यह दृष्टिकोण अभी भी प्रभावी है, तो भी इक्वालिटी आंदोलन ने जेंडर भूमिकाओं में परंपरागत मान्यताओं के एक बौद्धिक परिप्रेक्ष्य को प्रभावित और व्यापक समर्थन मिला है। जेंडर भूमिकाओं का समाजानुकूलित परिप्रेक्ष्य यह है कि चूँकि जेंडर भूमिकाएँ सीखी जाती हैं, इसलिए इन्हें बदला जा सकता है तथा नवीन और विशिष्ट भूमिकाओं का सृजन भी किया जा सकता है। नारीवादी परिप्रेक्ष्य इशारा करता है कि जेंडर भूमिकाएँ स्त्रियों और माताओं के लिये उपयुक्त माने जाने वाले व्यवहारों एवं विचार पर नहीं है, बल्कि भूमिकाएँ उस शक्ति के अलग-अलग स्तरों से भी जुड़ी हुई हैं, जो समाजों को और माताओं के पास होती हैं।
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