बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाजसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-C - लिंग, विद्यालय एवं समाज
प्रश्न- पुरुषत्व एवं स्त्रीत्व की धारणाओं को निर्मित करते हुए विभिन्न विज्ञानों की दी गयी परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सेन (2012) व्याख्या करती हैं कि जेंडर की संकल्पनाएँ अभिवृत्तियों के बारे में अपेक्षाएँ तथा पुरुषों और महिलाओं दोनों की विशेषताएँ और सामाजिक व्यवहार सम्मिलित होते हैं जिन्हें पुरुषत्व और स्त्रीत्व कहा जाता है। यह समाज के संगठन करने वाला मूल्यगत सिद्धान्त है जो उन चीजों को आकार प्रदान करता है कि लोग समाज में किस तरह सोचते हैं और दूसरों के साथ अन्तःक्रिया कर समय लोग को किस प्रकार मार्ग निर्देशित करते हैं। लोग समय के साथ परिवर्तित होते हैं, और अलग-अलग समाजों और संस्कृतियों में ये संकल्पनाएँ भी अलग-अलग होती हैं। "एक मनुष्य का जीवन के प्रत्येक चरण से सम्बन्धित है," (सेगे, 2003)। इसलिए नर या मादा होना उनके परिभाषित लिंग को स्वीकार करता है। दूसरी तरफ 'पुरुषत्व' या 'स्त्रीत्व' निर्मित जेंडर भूमिकाएँ हैं। ओकले के अनुसार, "जेंडर नर और मादा के रूप में जीव-विज्ञान विज्ञान का समानान्तर होता है, किन्तु फिर भी इसमें पुरुषत्व और स्त्रीत्व की विभाजन और इसका सामाजिक मूल्यांकन शामिल होता है।" दूसरे शब्दों में, जेंडर एक सामाजिक संकल्पना है, जिसे मनुष्य एक-दूसरे के साथ और अपने वातावरण के साथ अन्तःक्रिया के माध्यम से सामाजिक रूप में निर्मित करते हैं। जेंडर नर और मादा के बीच के जीव-विज्ञानिक अन्तरों पर बहुत अधिक निर्भर करता है, चूँकि जेंडर की संकल्पना की रचना मुख्यतः सामाजिक रूप से करती हैं, इसलिए जेंडर को एक सामाजिक रचना के रूप में माना जाता है। जेंडर की सामाजिक रचना का चित्रण इस तथ्य के आधार पर प्रदर्शित किया जा सकता है कि व्यक्ति, समूह और समाज व्यक्तियों में गुणों, प्रथाओं और मूल्यों का आरोहण मुख्य रूप से उनके लिंग के आधार पर ही करते हैं। यद्यपि यह आरोहण एक समाज या संस्कृति से दूसरे समाज या संस्कृति में जाने पर बदल जाया करता है।
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