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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :232
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2701
आईएसबीएन :0

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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

प्रश्न- व्यापार एवं संस्कृति के मूल में शिक्षक की भूमिका स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

समाज की संस्कृति का प्रभाव उसकी शिक्षा पर पड़ता है तो दूसरी ओर यह भी सत्य है कि किसी समाज की शिक्षा का प्रभाव उसकी संस्कृति पर पड़ता है। इस द्वंद्व को तथ्यों के एक सुव्यवस्थित भाव प्रदान करने में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है।

हम शिक्षा के प्रभाव मूल्यों के समन्वय रूप प्रदान करने के विभिन्न तथ्यों को हम निम्नलिखित रूप से देख सकते हैं-

(1) अध्यापक द्वारा बालकों में संस्कृति का हस्तांतरण- संस्कृति के संदर्भ में शिक्षक का पहला कार्य बालकों के अंदर संस्कृति का हस्तांतरण करना है। विद्यार्थी को अपनी संस्कृति का ज्ञान तभी हो सकता है, जब उन्हें अपनी संस्कृति से अवगत कराया जाए तथा शिक्षक ही वह एकमात्र माध्यम है जो बालकों को उनकी संस्कृति के विषय में जानकारी प्रदान करके उनमें संस्कृति के प्रति स्वाभाविक भाव उत्पन्न कर सकता है।

(2) अध्यापक द्वारा बालकों में संस्कृति का संरक्षण- आज हम देख रहे हैं कि वैज्ञानिक आविष्कारों ने हम भारतीयों के जीवन को बदल दिया है। परन्तु फिर भी हमारी आशा अपनी संस्कृति, भाषा संस्कृति एवं उसके साहित्य में बनी हुई है, हमारे आदर्श, विश्वास एवं मूल्य वही हैं, जो हमारी संस्कृति के हैं। लाख परिवर्तन होने के बाद भी हम आध्यात्मिकता का आनंद आज भी पाकर हुए हैं। आखिर यह कार्य कौन कर रहा है? यह हमारे शिक्षकों कर रहे हैं। वे बालकों को संस्कृति के संदर्भ में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

(3) शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को संस्कृति विकास संबंधी ज्ञान प्रदान किया जाना- शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान प्रदान किया जाता है। यह शिक्षक द्वारा ही बालकों में संस्कृति के मूल तत्वों का विकास किया जा सकता है। शिक्षक द्वारा प्राप्त किए गए अनुभवों को बालकों में हस्तांतरित करके शिक्षक विद्यार्थियों के अंदर संस्कृति का विकास कर सकता है।

(4) शिक्षक द्वारा सांस्कृतिक सहिष्णुता का बढ़ावा- जब संस्कृति सर्वांगीण रूप से विकसित होती है तब संस्कृति का विकास किया जाता है। शिक्षक विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करता है तथा उन्हें जीवन एवं विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा शिक्षक ही प्रदान की जाती है। शिक्षक द्वारा बालकों को, उनकी संस्कृति की विशेषताओं से अवगत कराया जाता है और इस प्रकार उनमें संसार की विभिन्न संस्कृतियों के प्रति उदार भाव पैदा किए जा सकते हैं, जिसके द्वारा अपनी संस्कृतियों के साथ-साथ सभी संस्कृतियों का विकास भी होता है।

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