बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- लोकतंत्र में मूल्यों की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
प्रजातंत्र में मूल्यों की नितांत आवश्यकता है। मूल्य द्वारा ही समाज के सदस्यों में विभिन्न सामाजिक एवं चारित्रिक गुणों का विकास किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सुसंगठित व्यक्ति ही अपने राष्ट्र की रक्षा एवं प्रकार से कर सकते हैं। उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति ज्यादा से ज्यादा वह जागरूक रहेगा, अधिक सुसंगठित रहेगा, उतना ही श्रेष्ठ नागरिक बनेगा। इस प्रकार मूल्य व्यक्ति को अपना नागरिक धर्म सिखाता है एवं अपने राष्ट्र का दायित्व वह भली-भांति निभाता है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों के चरित्र निर्माण का प्रयास करे जिससे नागरिकों को प्रजातांत्रिक आदर्शों एवं मानवता के संबंध में जानकारी प्राप्त हो सके। शिक्षित नागरिकों के अभाव में प्रजातंत्र की उपयोगिता महत्वहीन मानी जा सकती है एवं लोकतंत्र अधिक विकसित नहीं हो सकता। लोकतांत्रिक शिक्षा में नियंत्रण की विशेष जरूरत होती है एवं यह नियंत्रण बाह्य न होकर आत्मनियंत्रण के रूप में होना चाहिए। अतः शिक्षा एवं मूल्यों के अभाव में प्रजातंत्र को उचित दिशा नहीं दी जा सकती। अतः मूल्य एवं शिक्षा का संबंध बहुत बड़ा है।
डेविसटन के शब्दों में - "प्रजातांत्रिक सरकार की मांग शिक्षित जनता है।"
इसके अतिरिक्त प्रजातंत्र के मूल्यों ( दूसरो के व्यक्तित्व का आदर करना, सहनशील होना, परिर्वतन में विश्वास रखना, स्नेह एवं भ्रातृत्व भाव रखना) को शिक्षा के द्वारा सहजता से प्राप्त किया जा सकता है। जिस प्रकार प्रजातंत्र के आदर्शों को शिक्षा के द्वारा सहजता से प्राप्त किया जा सकता है, उसी प्रकार प्रजातंत्र के आदर्शों को शिक्षा की सहायता करनी चाहिए। दोनों एक दूसरे के बिना अपूर्ण ही हैं। अतः शिक्षा एवं लोकतंत्र साथ-साथ अग्रगामी होना चाहिए, जिससे एक अच्छे राष्ट्र एवं विशेव के निर्माण हे सके।
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