बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- सार्वभौमिक मूल्यों के विकास पर लेख लिखिए।
उत्तर-
वर्तमान शिक्षा में मूल्य से काफी दुरी मालूम पड़ती है। प्राचीन भारतीय शिक्षा में संस्कृति शामिल होती थी। संस्कृति का जब कोई स्थान नहीं है। भारतीय संस्कृति स्वतःस्फूर्त नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाती है। जिससे व्यक्ति भविष्य में एक सुसंस्कृत नागरिक बन सके।
- प्राचीन भारत में सार्वभौमिक मूल्यों के मन-मस्तिष्क में प्रतिष्ठा एवं जीवन में धार्मिक भावनाओं को विकसित करना शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य था।
- केवल लिखना-पढ़ना ही शिक्षा नहीं है, वरन् नैतिक भावनाओं को विकसित करके चरित्र का निर्माण करना भी आवश्यक है।
- धार्मिक व आध्यात्मिक मूल्यों की भावना को विकसित करके उसके व्यक्तित्व का विकास करना।
- बालक में नैतिक मूल्यों का विकास करना।
- बालक में नागरिक एवं सामाजिक कर्तव्यों का विकास करना।
- उपयुक्त बिंदुओं की सहायता से बालकों में सार्वभौमिक मूल्यों के प्रति एक उच्च दृष्टिकोण विकसित होता है। इसे आधुनिक शिक्षा के द्वारा बालक में मान्यता तथा नैतिकता की भावना का विकास होता है, न कि इनका हास या हनन।
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