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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :232
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2701
आईएसबीएन :0

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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा

प्रश्न- लोकतांत्रिक मूल्यों के उद्देश्य बताइए।

उत्तर-

लोकतांत्रिक मूल्यों के उद्देश्य - प्रजातंत्र में 'मूल्य' का प्रमुख उद्देश्य उत्तम नागरिक उत्पन्न करना है। मानव का सर्वोत्तम विकास स्वतंत्र वातावरण में ही संभव है। केवल प्रजातांत्रिक व्यवस्था में ही मानव को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हो सकती है। शिक्षा, मानव के सर्वोत्तम विकास का एकमात्र साधन है। मूल्य में लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर देती है। अतः शिक्षा मूल्यों लक्ष्य, प्रजातांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने तथा प्रजातांत्रिक विचारधारा के प्रसार हेतु यह आवश्यक है कि शिक्षा में प्रेम, सहयोग, समानता एवं दूसरे के दृष्टिकोणों को समझने की भावना उत्पन्न की जा सके। प्रजातांत्रिक शिक्षा मनुष्य के इन मूल्यों का विकास करती है, वह व्यक्ति को व्यवसायिक योगदान एवं व्यवसायिक नैतिकता का प्रशिक्षण एवं निर्देशन देती है। मानसिक विकास में महान योगदान देती है। इस संबंध में "प्राथमिक शिक्षा आयोग" ने लिखा है -

"प्रजातांत्रिक प्रशिक्षण हेतु संतुलित शिक्षा की जरूरत है जिसमें बौद्धिक विकास के साथ-साथ सामाजिक गुणों एवं व्यवहार कुशलता का भी विकास होता है।"

समाज रूप में प्रजातांत्रिक मूल्यों के विभिन्न उद्देश्य इस प्रकार बताए गए हैं -

  1. लोकतांत्रिक नागरिकता का विकास करना - "प्रजातंत्र में नागरिकता एक चुनौतीपूर्ण दायित्व है जिसके लिए प्रत्येक नागरिक को प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है। इसमें बहुत से बौद्धिक, सामाजिक एवं नैतिक गुण निहित हैं जिनके अपने आप विकसित होने की अपेक्षा नहीं की जा सकती।"

  2. शिक्षा के अवसरों में समानता स्थापित करना - इस उद्देश्य पर बल देते हुए शिक्षा आयोग ने लिखा है -
    "शिक्षा का एक महत्वपूर्ण सामाजिक उद्देश्य है - शिक्षा प्राप्त करने के अवसरों में समानता स्थापित करना जिससे पिछड़े हुए अथवा कम विशिष्टाधिकार प्राप्त वर्गों तथा व्यक्तियों शिक्षा में अपनी दशा में सुधार हेतु साधन के रूप में प्रयुक्त कर सके। प्रत्येक समाज को सामाजिक न्याय की एक कसौटी होती है, प्रत्येक वर्ग के बच्चों के शिक्षा में पूरी उपलब्धि योग्यता का विकास करना व उसकी इच्छा है, जब जनता से सहमत करने हेतु समानता के अवसर में निरंतर वृद्धि की सुविधा प्रदान नहीं है। केवल वही समानता पर आधारित उस मानव समाज के निर्माण की गारंटी है जिसमें निर्धनता का शोषण नहीं हो जाएगा।"

  3. सामाजिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा - विद्यालय में इस प्रकार क्रियाओं को आयोजित किया जाए, जिसके द्वारा छात्र में सामाजिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो सके।

  4. उच्च रूचियों का विकास - विद्यालय में विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से छात्रों में इस प्रकार की रुचियों के विकसित किया जाना चाहिए जिससे वे भविष्य में संतुलित व्यक्तित्व वाले एवं उपयोगी नागरिक बन सकें।

  5. उत्तम आदतों के कारण - प्रजातांत्रिक समाज में उत्तम आदतों का निर्माण करना नितांत जरूरी है। उत्तम आदतें नागरिकों को साहसी, उत्साही एवं परिश्रमी बनाती हैं। ऐसी स्थिति में प्रारंभ से ही शिशुओं में उत्तम बातें सिखाई जाएं।

  6. व्यावसायिक शिक्षा को व्यवस्थित करना - छात्र समाज के उपयोगी सदस्य बन सकें। इस हेतु जरूरी है कि शिक्षा के पाठ्यक्रम में ऐसे हस्त उद्योग एवं कौशल हों जो उन्हें व्यावसायिक रूप से सहायता प्रदान कर सके।

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