बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-1 प्रश्नपत्र- IV-B - मूल्य एवं शान्ति शिक्षा
प्रश्न- बहुसांस्कृतिकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -
बहुसांस्कृतिकता भारतीय समाज की वस्तुनिष्ठ सच्चाई है और यह बहुसांस्कृतिकता भारतीय समाज में जाति, धर्म, जीवन-शैली, मूल्यों, रीति-रिवाज, पहनावा एवं भाषाई विविधता में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। समाजशास्त्र में बहुसांस्कृतिकता शब्द विभिन्न संस्थाओं में भी स्पष्ट रूप दिखाई देता है। हमारे शिक्षण संस्थान इसका उदाहरण हैं। आज के सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक व भाषाई रूप से विभिन्न समूह दिखाई देते हैं एवं कक्षाओं में दिखाई देते हैं। यह सांस्कृतिक विविधता शिक्षण प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि संस्कृति व्यक्ति के ज्ञान को अर्जित करने के रास्तों एवं उस ज्ञान को पाकर उसे कोई भी भूमिका निभाने की स्पष्ट रूप से प्रभावित करती है।
भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश में शिक्षा व संस्कृति के सम्बन्ध बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जहाँ एक ओर संकृति पर शिक्षा का प्रभाव पड़ता है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा के माध्यम से संस्कृति को हस्तांतरित किया जाता है। शिक्षा में सांस्कृतिक विविधता के इस महत्व को देखते हुए इस अध्ययन में बहुसांस्कृतिकता के प्रति छात्र-अध्यापकों व अध्यापककों की दृष्टिकोण को जानने का प्रयास किया गया। इस अध्ययन को करने के पश्चात निष्कर्ष रूप में यह पाया गया कि सभी छात्र, अध्यापक व अध्यापकियाँ बहुसांस्कृतिक शिक्षण को सामान्य शिक्षण के रूप में देखते हैं न कि विशिष्ट के रूप में।
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